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प्रेमाश्रम

बोले, आइए भाई जान, आइए। कई दिनों से आपकी याद आ रही थी। आजकल तो आपका लिटरेरी उमगे बढ़ा हुआ है। मैंने गायत्री देवी पर आपका लेख देखा। बस, यही जी चाहता था, आपकी कलम चूम लूँ। यह सारी कचहरी मे उसी की चर्चा है। ऐसा ओज, ऐसा प्रसादगुण, इतनी प्रतिभा, इतना प्रवाह बहुत कम किसी लेख में दिखायी देता है। कल मैं साहब बहादुर से मिलने गया था। उन की मेज पर वही पत्रिका पड़ी हुई थी। जाते ही जाते उसी लेख की चर्चा छेड़ दी। ये लोग बड़े गुणग्राही होते है। यह कहाँ से ऐसे चुने हुए शब्द और मुहावरे लो कर रख देते है, मानो किसी ने सुंदर फूलों का गुलदस्ता सजा दिया हो।

ज्वालासिंह की प्रशसा उस रईस की प्रशंसा थी जो अपने कलावन्त के मधुर गान पर मुग्ध हो गया हो। ज्ञानशंकर ने सकुचाते हुए पूछा, साहब क्या कहते थे?

ज्वाला—पहले तो पूछने लगे, यह है कौन आदमी? जब मैंने कहा, यह मेरे सहपाठी और साथ के खिलाड़ी हैं तब उसे और भी दिलचस्पी हुई। पूछे, क्या करते है, कहाँ रहते है? मेरी समझ में देहाती बैंको के सम्बन्ध मे आपने जो रिमार्क किये हैं उनका उन पर बड़ा असर हुआ।

ज्ञान--(मुस्करा कर) भाई जान, आपसे क्या छिपाये। वह कहा मैंने एक अँगरेजी पत्रिका से कुछ काट-छाँट कर नकल कर लिया था (सावधान हो कर) कम से कम यह विचार मैरे न थे।

ज्वाला—आपको हवाला देना चाहिए था।

शान—विचारों पर किसी को अधिकार नहीं होता। शब्द तो अधिकांश मेरे ही थे।

ज्वाला—गायत्री देवी तो बहुत प्रसन्न हुई होंगी। कुछ वरदान देंगी या नहीं?

ज्ञान-उनका एक पत्र आया है। अपने इलाके का प्रबन्ध मेरे हाथों में देना चाहती हैं।

ज्वाला—वाह, क्या कहने। वेतन भी ५०० रु० से कम न होगा।

ज्ञान---वेतन का तो जिक्र न था। शायद इतना न दे सके।

ज्वाला—भैया, अगर वहाँ ३०० १० भी मिले तो आप हम लोगों से अच्छे रहेगे। खूब सैर-सपाटे कीजिए, मोटर दौड़ाते फिरिए, और काम ही क्या है? हम लोगों की भाँति कागज का एक पुलिन्दा तो सिर पर लाद कर घर न लाना पड़ेगा। वहीं कब तक जाने का विचार है?

ज्ञान---जाने को मैं तैयार हैं, लेकिन जब आप गला छोड़े।

ज्वालासिंह ने बात काट कर कहा, फैमिली को भी साथ ले जाइएगा न? अवश्य ले जाइए। मैंने भी एक सप्ताह हुए स्त्री को बुला लिया है। इस ऊजड़ मे भूत की तरह अकेला पड़ा रहता था।

ज्ञान–अच्छा तो भाभी आ गयी? बड़ा आनन्द रहेगा। कालेज से तो आप परदे के बड़े विरोधी थे?

ज्वाला—अब भी हैं, पर विपत्ति यह है कि अन्य पुरुष के सामने आते हुए उनके