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प्रेमाश्रम


ज्ञान—लडाई-दंगे का तो कोई भय नहीं है?

प्रेम—मेरे विचार मै तो इसकी सम्भावना नहीं हैं।

ज्ञान—अगर उन्हें मालूम हो जाय कि इम विषय में हम लोगों के मतभेद हैं—और यह स्वाभाविक ही है, क्योकि आप अपने मनोगत भावो को छुपा नहीं सकते—तो वह और भी शेर हो जायेंगे।

प्रेम—(हँस कर) तो इससे हानि क्या होगी?

ज्ञान—आपके सिद्धान्त के अनुसार तो कोई हानि न होगी, पर मैं कहीं का न रहूँगा। इस समय मेरे हित के लिए यह अत्यावश्यक है कि आप उघर आना-जाना कम कर दें।

प्रम—क्या तुम्हे सन्देह है कि मैं असामियो को उभाड कर तुमसे लडाता हूँ? मुझे तुमसे कोई दुश्मनी है? मुझे लखनपुर के ही नही, सारे देश के कृषको से सहानुभूति है। लेकिन इसका यह आशय नही कि मुझे जमींदारों से कोई द्वेष है, हाँ, अगर तुम्हारी यही इच्छा है कि मैं उधर न जाऊँ तो यहीं सही। अब से कभी न जाऊँगा।

ज्ञानशंकर को इतमीनान तो हुआ, पर वह इसे प्रकट न कर सकने से लज्जित थे। अपने भाई की रजोवृत्ति के सामने उन्हें अपनी तमोवृत्ति बहुत ही निकृष्ट प्रतीत होती थी। वह कुछ देर तक कपास और मक्का के खेतों को देखते रहे, जो यहां बहुत पहले ही बो दिये गये थे। फिर घर चले आये। श्रद्धा के बारे में न प्रेमशंकर ने कुछ पूछा और न उन्होंने कुछ कहा। श्रद्धा अब उनकी प्रेयसी नही, उपास्य देवी थी।

दूसरे दिन दस वजे डाकिये ने उन्हें एक रजिस्टर्ड लिफाफा दिया। उन्होंने विस्मित हो कर लिफाफे को देखा। पता साफ लिखा हुआ था। खोला तो ५०० रु० का एक करेन्सी नोट निकला। एक पत्र भी था, जिसमे लिखा हुआ था—

'लखनपुरवालो की सहायता के लिए यह रुपये आपके पास भेजे जाते हैं। यह आप अपील की पैरवी करने के लिए उन्हें दे दे। इस कष्ट के लिए क्षमा कीजिएगा।'

प्रेमशंकर सोचने लगे, इसका भेजनेवाला कौन है? यहाँ मुझे कौन जानता है? कौन मेरे विचारों से अवगत है? किसे मुझ पर इतना विश्वास है? इन सव प्रश्न का उत्तर मिलता था, 'ज्वालासिंह' किन्तु मन इस उत्तर को स्वीकर न करता था।

अब उन्हें यह चिन्ता लगी कि यह रुपये क्योकर भेजूं? ज्ञानशंकर को मालूम हो गया तो वह समझेगे मैंने स्वय असामियो को सहायता दी है। उन्हें कभी विश्वास न आयेगा कि यह किसी अन्य व्यक्ति की अमानत है। यदि असामियो को न दूँ तो महान् विश्वासघात होगा। इसी हैस-वैस में शाम हो गयी और लाला प्रभाशंकर का शुभागमन हुआ।



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ज्ञानशकर को अपील के सफल होने का पूरा विश्वास था। उन्हें मालूम था कि किसानो मे धनाभाव के कारण अब बिल्कुल दम नहीं है। लेकिन जो उन्होंने

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