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प्रेमाश्रम

रहना परमावश्यक हैं। मुझे यहाँ कोई कष्ट नहीं है। मैं परमात्मा को धन्यवाद देता हूँ कि उसने मुझे इन दीनों को तसफीन और तसल्ली देने का अवसर प्रदान किया । मेरी आपसे एक और विनती है। मेरे लिए वकील की जरूरत नहीं है। मैं अपनी निर्दोषता स्वयं सिद्ध कर सकता हूँ । हाँ, यदि हो सके तो आप इन बेजबानो के लिए कोई वकील ठीक कर लीजिएगा, नही तो संभव है कि इनके ऊपर अन्याय हो जाये ।

लाला प्रभाकर हतोत्साह हो कर इजलास के कमरे से बाहर निकल आये ।



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इस मुकदमे ने सारे शहर में हलचल मचा दी। जहाँ देखिए, यही चर्चा थी। सभी लोग प्रेमशकर के आत्म बलिदान की प्रशंसा सौ-सौ मुँह से कर रहे थे।

यद्यपि प्रेमशकर ने स्पष्ट कह दिया था कि मेरे लिए किसी वकील की जरूरत नहीं है, पर लाला प्रभाशकर का जी न माना। उन्हें भय था कि वकील के बिना काम बिगड जायगा । नहीं, यह कदापि नहीं हो सकता । कही मामला बिगड़ गया तो लोग यही कहेंगे कि लोभ के मारे वकील नही किया, उसी का फल है। अपने मन में यही पछतावा होगा। अतएव वह सारे शहर के नामी वकीलो के पास गये । लेकिन कोई भी इस मुकदमे की पैरवी करने पर तैयार न हुआ। किसी ने कहा, मुझे अवकाश नहीं है, किसी ने कोई और ही वहाना करके टाल दिया । सबको विश्वास था कि अधिकारीवर्ग प्रेमशंकर से कुपित हो रहे है, उनकी वकालत करना स्वार्थ-नीति' के विरुद्ध है। प्रभाशंकर का यह प्रयास सफल न हुआ तो उन्होंने अन्य अभियुक्तों के लिए कोई प्रयत्न नही किया। उनकी सहानुभूति अपने परिवार तक ही सीमित थी।

अभियोग तैयार हो गया और मैजिस्ट्रेट के इजलास में पेशियाँ होने लगी। थानेदार का बयान हुआ, फैजू का बयान हुआ, तहसीलदार, चपरासियो और चौकीदारो के इजहार लिये गये । आठवें दिन ज्ञानशकर इजलास के सामने आ कर खड़े हुए । प्रभाशकर को ऐसा दुख हुआ कि वह कमरे के बाहर चले गये और एक वृक्ष के नीचे बैठ कर रोने लगे । सगे भाइयों में यह वैमनस्य । पुलिस का पक्ष सिद्ध करने के लिए एक भाई दूसरे भाई के विरुद्ध साक्षी बने । दर्शको को भी कौतूहल हो रहा था कि देखे इनका क्या बयान होता है। सब टकटकी लगाये उनकी ओर ताक रहे थे। पुलिस को विश्वास था कि इनको वयान प्रेमशकर के लिए ब्रह्मफॉस बन जायेगा, लेकिन उनको और उनसे अधिक दर्शको को कितना विस्मय हुआ जब ज्ञानशकर ने लखनपुरवालो पर अपने दिल का बुखार निकाला, प्रेमशकर का नाम तक न लिया।

सरकारी वकील ने पूछा, आपको मालूम है कि प्रेमशकर उस गाँव में अक्सर आया जाया करते थे।

ज्ञान--उनका उस गाँव में आधा हिस्सा है ।

वकील--आप जानते है कि जब इन्स्क्टपेर जेनरल पुलिस का दौरा हुआ था तब