पृष्ठ:बिखरे मोती.pdf/१४२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
बिखरे मोती ]
 


वे बोले-इन्हें कोई बीमारी तो नहीं है, यह सिर्फ बहुत ज्यादः कमजोर हैं । आप इन्हें शोरवा देते हैं ?

रहमान-शोरवा यह जव लें तय न ? मैं तो कह-कह के तंग आ गया हूँ। यह कुछ खाती ही नहीं । दूध और साबूदाना खाती हैं, उससे कहीं ताक़त आती है ?

‘क्यों डाक्टर साहब ने पूछा "क्या इन्हें शोरवे से परहेज़ है ?

रहमान-परहेज़ क्या होगा डाक्टरसाहब ? कहती हैं कि हमें हज़म ही नहीं होता ।

डाक्टर साहव ने हंसकर कहा-वाह, हज़म कैसे न होगा, हम तो कहते हैं, सब हज़म होगा ।

-“डाक्टर साहव इतनी मेहरवानी और कीजिएगा कि शोरवा इन्हें आपही पिला जाइए, क्योंकि मैं जानता हूँ, यह मेरी बात कभी न मानेगीं ।

डाक्टर साहव रहमान की स्त्री की तरफ मुड़कर चोले- कहिये, आप हमारे कहने से तो थोड़ा शोरवा ले सकती हैं न ? हज़म कराने का जिम्मा हम लेते हैं ।

उसने डाक्टर के अाग्रह का कोई उत्तर नहीं दिया; सिर्फ सिर हिलाकर अस्वीकृति की सूचना ही दी। उसके

१२५