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बिखरे मोती]
 


डाक्टर साहब चौंक-से उठे। विस्फारित नेत्रों से उसकी ओर देखते रह गये।

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उसी दिन से डाक्टर मिश्रा भी शुद्धी और संगठन के पक्षपाती हो गये।