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बिखरे मोती ]
 


हुआ है कि बच्चा दिनोंदिन कमजोर होता जा रहा है |

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राधेश्याम का विवाह कुन्तला के साथ हो गया । उनकी उजड़ी हुई गृहस्थी में फिर से बहार आगई । मनोरमा के वंद कमरे का ताला खोलकर उसके चित्रों पर हल्की रंगीन जाली का परदा डाल दिया गया। उस घर में फिर से नूपुर की मधुर ध्वनि' सुनाई पड़ने लगी । चतुर गृहणी : का हाथ लगते ही घर फिर स्वर्ग हो गया ! कुन्तला की कार्य-कुशलता और बुद्धि की कुशाग्रता पर राधेश्याम मुग्ध थे। कुन्तला के प्रेम के प्रकाश से उनका हृदय अलोकित हो उठा। अब वहाँ पर मनोरमा की धुंधली स्मृति के लिए भी स्थानं न था; ये पूर्ण सुखी थे।

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राधेश्याम जी ने दूसरा विवाह किया था; संभवत: इरिहर की देखभाल के ही लिए । किन्तु इस समय कुन्तला को हरिहर से भी अधिक राधेश्याम की देख-भाल करनी पड़ती थी। उनकी देख-भाल से ही वह इतनी परेशानी हो

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