पृष्ठ:बिखरे मोती.pdf/४३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ प्रमाणित है।
पापी पेट ]
 

इससे भी गहरे-गहरे घाव अच्छे हो जाते हैं। आप चिन्ता न कीजिये।

राय साहेब ने पत्नी से पूछा—आख़िर, तुमने इसे वहाँ जाने ही क्यों दिया? पत्नी ने कहा—तो मुझ से पूछ के ही तो वहाँ गया था न?

रात भर गोपू बेहोश रहा और दूसरे दिन भी बेहोशी दूर न हुई। दूसरे दिन ११ बजे दिन से जेल में मुकद्दमा होने वाला था। परन्तु न्यायाधीश ठीक समय पर न पहुँच सके; आज उन्हें एक मामले में, जो ३ महीने से उनकी अदालत में चल रहा था, सज़ा सुनानी थी। मामला था, एक १३ साल की बालिका को बेचने के लिए भगा ले जाने का। जुर्म साबित हो चुका था न्यायाधीश के द्वारा उसे छः महीने की सख्त क़ैद की सज़ा दी गई थी।

फ़ैसला सुनाकर न्यायाधीश महाशय जेल आए। कोतवाल और राय साहेब कुन्दनलाल की गवाही हो जाने पर अभियुक्तों में से एक को दो साल की सख्त क़ैद और २०००) जुर्माना, दूसरे को डेढ़ साल की सख्त क़ैद और १५००) जुर्माना, तीसरे को एक साल की सख्त क़ैद और ५००) जुर्माना की सज़ा दे दी गई। अभियुक्तों ने

२६