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बिखरे मोती ]
 


इधर सामान के पास अकेली बैठी-बैठी चम्पा का जी ऊबने लगा। वह एक पुस्तक निकाल कर पढ़ने लगी । थोड़ी देर के बाद ही एक आदमी ने आकर उससे कहा कि “बाबू जी होटल में बैठे हैं आपको बुला रहे हैं।”

‘पर वे तो खाना यहीं लाने वाले थे न’ ?

'होटल यहाँ से करीब ही है। वे कहते हैं कि आप वहीं चल के भोजन कर लें । कच्चा खाना यहाँ लाने में सुभीता न पड़ेगा।

उठते-उठते चम्पा ने कहा-सामान के पास कौन रहेगा ?

सामान तो कुली देखता रहेगा, आप फिकर न करें; १० मिनट में तो आप वापिस आ जायगी ।' क्षण भर तक चम्पा ने न जाने क्या सोचा; फिर उस आदमी के साथ चल दी।

स्टेशन से बाहर पहुँचते ही उस आदमी ने पास के एक मकान की तरफ़ इशारा करके कहा,“ वह सामने होटल है; बाबू जी वहीं बैठे हैं।'

चम्पा ने जल्दी-जल्दी पैर बढ़ाए। पास ही एक मोटर

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