पृष्ठ:बिहारी-सतसई.djvu/१०

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[सप्तम शतक २४१–२७९]
नायिका स्नान ६०१–६०५
गर्भवती ६०६
कातनहारी ६०७
दहेंड़ी रखने की भावभंगी ६०८
स्त्री-चरित्र ६०९
प्रीतम-स्मृति ६१०
सौभाग्य की ख्याति ६११
नपुंसक वैद्य ६१२
स्फुट ६१३–६१६
रसिक ६१७–६१८
सज्जन ६१९
सम्पत्ति ६२०
दुर्जन ६२१
कृपण ६२२
नीच ६२३–६२५
जयसिंह-प्रशस्ति ६२६–६३१
दुराज ६३२
लोक-रीति ६३३–६३६
श्रीकृष्ण-रुक्मिणी ६३७
संगति ६३८
दुश्चरित्र-पौराणिक ६३९
फुटकर ६४०–६४१
नीति ६४२–६४६
सुन्दरी रसोइयादारिन ६४७
समानता की प्रीति ६४८
मूर्ख ज्योतिषी ६४९

नीति ६५०–६५१
नायक का मनोहर धूम्रपान ६५२
नीति ६५३
प्रेमवंचित से दूती-वचन ६५४
अन्योक्तियाँ ६५५–६७८
शान्त रस ६७९–६९०
भक्तवत्सल से उपालम्भ ६९१
दुखियों को उपदेश ६९२
पतितपावन को चुनौती ६९३
ईश्वर-प्रति व्यंग्य ६९४-६९६
भगवद‍्विनय ६९७
लोभ-निन्दा ६९८
भगवत्प्रार्थना ६९९–७००
[परिशिष्ट]
भगवद्भक्ति ७०१–७१०
शरद-सुन्दरी ७११
नीति ७१२
स्फुट-शृंगार ७१३–७१५
जयशाह-प्रताप ७१६
मुक्ताहार के प्रति ७१७
वर्षा-जनित विरह-वेदना ७१८
नीति ७१९–७२१
नीलकंठ के प्रति ७२२
सतसई-रचना का कारण ७२३
ग्रंथ रचना-संवत् ७२४
सतसई के चोखे दोहे ७२५
बिहारी के दुर्लभ दोहे