पृष्ठ:बिहारी बिहार.pdf/१४९

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६ . बिहारीविहार । । हँस हँसि हेरति नवल तिय मद के मद उमदाति । । बलकि बलकि बोलत बचन ललाक ललाकि लपटाति ॥२१॥ | ललकि ललकि लपटति भुजन कसि कण्ठ लगावति । रुक रुक झुकि । झुकि झमक फेर जिय अति उमगावति ॥ कबहुँक समुहँ करति अरुन मुख

  • कवहुँक फेरति । सुकवि तिरीछे डीठि किये तिय हँस हँस हेरति ॥ २६८ ॥
  • , निपट *लजीली नवल.तिय बहकि बारुनी सेइ । ।

त्य त्यौं अति मीठी लगै ज्यौं ज्यौं ढीठो देइ ॥ २१८ ॥ ज्यों ज्याँ ढीठो देइ बदन सौ चूंघट टारै । ज्यों ज्यौं अनिमिष नैन नैन

  • स जोरि निहारै ॥ ज्यें ज्याँ बलकत बैन लटपटे कहत छबीली । त्या त्या
  • सुकवि सुहावन लागै निपटे लजीलीं ॥ २६९ ॥

खिलित बचन अधखुलित दृग लालित सेदकन जोति। अरुनबदन छबि मद छकी खरी छबीली होति ।। २१९॥ खरी छवीली होत खरी निरखत चुप साधे। नैन कॅपावत बैन कहत पुनि आधे आधे ॥ शूमि उझकि झुकि चलत कबहुँ पुनि सखिन संग मिलि ।। कवहुँ न बोलत बोल कबहुँ पुनि हँसत सुकबि खिलि ॥ २७० ॥ रूप सुधाआसवछक्यो #आसव पियत बनै न । प्यालेट प्रियाबदन रह्यो लगाये नैन । २२० ॥ रह्यो लगाये नैन सुकवि विनु पलक झुकाये। बैन मैनरसऐन सुनन श्रुति-

  • लजीली = लाजवाली। वाला' प्रायः पूर्व शव्दु में मिल कर ‘ईला' हो जाता है जैसे रसवाला,
  • चटकवाला, छबिवाला, । रसौला, चटकीला, छवीला। इसमें पूर्वपद में कोई स्वर् दीर्घ हो तो झस्व

हो जाता है। जैसे ; लाजवाला = लजौला, साजवाला = सजीला, ढङ्गवाला = ढंगौला इत्यादि । स्त्री ।

  • लिङ्ग में ईकारान्त हो जाता है। खिलखिलाये वचन। ; आसव= मद।

25. NE

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