पृष्ठ:बिहारी बिहार.pdf/२२

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विहारीचरित्र । ५ शैमा जान पड़ता है कि ७० • सात सौ मुहर अर्थात् लग ढग (७५० •) साढ़े सत्रह सहस्त्र मुद्रा ।

  • पारितोषिक पाने पर भी दिहारी जी जयसाह से प्रसन्न नहीं हुए थे और यह अप्रसन्नता लोभ के *

कारण नहीं हुई थी किन्तु इस कारण कि बिहारी जी की समझ में उनका गुण न समझा गया और विना गुण समझे ही जैसे अौर मूत्रं याचक को भी इस बड़े दर से लाखों मिलते थे वैसे ही यह ००• मुहरों का दान भी मिला । अत एव विहारी जो ने दो दोहे कहे हैं जिनमें जयसाह को टानी ती ठहराया परन्तु गुणानुसार देनेवाला न कहा :; जैसे - चलत पाइ निगुनी गुनी धन मनि मोतीमाल । भेट भये जयसाह स भाग चाहियत भाले ,, “रहति न रन जयसाहमुख लखि लाखन की फौज । जॉचि निराखेर ऊ चलै लै लाखन की मौज ।,, यह ध्यङ्ग भी विहारी ने ऐसा छिपा २ मारा है कि प्रायः हरिप्रसादादि घ्याख्याकार पण्डितों ने

  • प्रशंसा ही समझो और बिहारी के तात्पर्य तक न पहुंच सके । सच पूछिये तो सिरजा जयसिंह ऐसे महा

राज ने बिहारी ऐने महाकवि को बिहारीसतसई ऐसे अपूर्व ग्रन्थ पर सात सौ अशर्फी दी तो क्या दिया कुछ न दिया । धन्य ध महाराष्ट्रराज शिवाजी जिनने भूषण को एक कवित्त पर ५२ हाघी दिये। किसी एक कवित्त पर पांच हाथी और बत्तीस हजार रुपये देना जी० ए० ग्रियर्सन माहिब ने भी लिखा हैं।

  • अोर मिजी जय सिंह कहलाते हैं, इतिहास राजस्थान के अनुसार इनने सं० १६७८ से १०० ४ तक
  • राज्य किया । ( कोई कोई इनके राज्यात का समय १०५६ कहते हैं ) जयपुर से तीन कोस पहाड़ों
  • के चक्र में भामेर ६ । सहन्न तक देखने का अवसर सुलभ है । पहाड़ पर किला है सो देना दुर्धट है।
  • इसी मान ने मीममहल भी है इन महलों को वनावट प्रायः घागरे के किले के महलों की बनावट
  • * रन है । एक समय महाराज जयपुर के प्रधान सेनापति ठाकुर हरिसिंह ने मुझे देंट के मन्त्राई

की सस्या दो घी । में उसी दिन थामेर का महल देख के आया या मी यह पूत्ति यो । 'प्रविष्ट । राश्ने प्रतिबिम्यैर्न को भवेत् । मईसीपी रुपः महन्ना: मृहस्रपात् ॥ | ः ध; तिहाभ भी प्रसिद्ध है कि बिहारी कवि को चिरकाल से नवाब वानरचना नै प्रशंमा उनी

  • र चुन्नया । बिर ने कैयन्त एक दोहा का उम पर नवाब ने बिहारी के देह की उंचाई के

इधर १; फिर्य का देर लगा दिया और कहा कि आप की कविता को मधुरता के भारी यह कुछ | ई * } पर ए मिक दृष्टि में नवाच वानवानां ॐ १०० इयं के अनन्तर दिदारी का समय वि । दिन होता है । मधय फि माात् हानरवाना में हैं तो उनके लड़के या भाई भतीजी ने मम्मान

  • किया है कि ये कुन हो डानना है या वो हैं ।