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बिहारी बिहार ।

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在生土土土生土生土是土生土生土生土基是土生土土土土主主头主是土生土,土生土生土生土 | विहारविहार । दुलह दुराज प्रजान का क्या न करें अति दंद ।। अधिक अधेरो जग करत मिलि मावस रविचंद ॥६०५॥ मिलि मावस रविचन्द्र अधेरो अधिक चढ़ावें । घृत अरु मधु दोउ मिले गुनन तजि गरल कहावे ॥ ६ पण्डित के जुर सुकवि झगरो अति लहलह । द्वै अभाव ते भाव होत त्यों नृप द्वे दुःसह ॥ ७०७ ॥ घर घर डोलत दीन है जन जन जॉचत जाई । दिये लोभ चसमा चखनि लघु पुनि बड़ो लखाइ ॥६०६॥ * लघु पुनि वड़ो लखाइ मलिन निर्मल अति दीसे । मानि सबै ही वड़ो। * नवावत सो ऊ सीसे ॥ झुक्यो चलै यह आसा की लै सुभग छरी कर । सुकवि हहा विनती की लाल चुवावत घर घर ।। ७०८ ॥ वसे बुराई जासु तन ताही को सनमान ।। भलो भलो कहि छोड़िये खोटे ग्रह ज़प दान ॥ ६०७ ।। खोटे ग्रह जप दान दीजिये मानिक मोती । तोरतरहित तटिनी लहि वहु करिये मनाती । सुकचि हिँ कोरी वाह वाह करि छाँड़हु भाई । हेम: हीर हय कुकच हि जहिं तन वसे बुराई । ७०६ ॥ ० याभारद प्रतियोगी रूप होता है जैसे घटाभावाभाव घटवरूप ॥ * तोड़ = वेग ६ । 4: इन दिनों में यह बात बहुत कम हो गई है पर घोड़े दो दिन पहले भाट लीग तीन चरण । १६४ र ६ पति पते मिटा” * या जात ६ घोर जो इनकी विदाई न करें चमका कपड़े * इट या एक ट में भी टंग वध उन नट्स की तिचे फिरते थे और कहते-फिरते हैं कि ५ : ४१ :* f र । दम दम इर ने उन कुकदियों को भी प्रार्थी घोड़े मिदारी मि. * ५ ३ ६ ४ ३ ३ ३ ४ दे दिए हैं रैमी प्रदा देखी जाती है ।