पृष्ठ:बिहारी बिहार.pdf/३१७

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-- -- - E • चन्द्रिका कनिके। छ के |अनवरचjि का के अन्न ० इरिकार दीका के अ. = अनुसार देवूकीन न टीका के. अनुसार संस्कृतीका के अचुसार शृंगारसप्त असार । हरिप्रसार ॐअदुवाः । के अनुसार रसञ्चन्द्रिका अनुसार | ३सार - =- . = ३०९ ६७ ५१६ | - -- -- --

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को जाने कैसे कही । ७९ ९३९. ४८२ कोदि अप्सरा ॐरसकौशदीकारने उसे निहारी ने माना। ७५ | २८४ | ४६३.३०८ | १८ | ३६ ६ कीरिंजैतुनकोकरे | ५५ | ३६५ | ६५९ | ३ | ६९६ | ६६० | ५८ कीरिजननकोफन ५०० | ३३० | फोहरसी | ५०९ |९९९ | १४ | २३६ किडी आस | ४०९५२२३३० | ११० कीने भूति ३९१० | ५११ | २९ । ४५५ । ५८ ||५३१ | ३४१। को वसिये। ७५.. | 3९९ - ५. ९४०, । ४०३ | ३१७ । २७५. | ३५० ३७१ | ४ ४७ । २०६ | ३ | २५६ | ४९९ | १६ | ५४२ || इति कारादि । अथे सकारादि । | खरीपातरी ३६७ | ४३४ | ३८९ |२५५ २४९४९ १५ || ४ परी भीरहू ६९ | १७३। ९७ [३५४५० | खरी असति || खरे अदब खेले वदेई . २६ । 3१६ . ४०० / ३२१ || २८ २९० .८४ | ३३० | ७ | ४५१ २३५ = २२० | १२ | ४३६ | १२२ । ५९ १२५ १२ | ४५ १२ | २२४ -=-= = १६", |