पृष्ठ:बिहारी बिहार.pdf/३८४

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, पुष्पवर्षा--दाम ) यह किताव महारानी के जुबली उत्सव पर बनाई गई है। इसमें दो मन्धर्वो को भूमण्डल यात्रा के बहाने से महारानी विकोरिया के इतिहास तथा प्रताप का वर्णन है औ जहां जहां महारानी का राज्य है उन स्थानों का ऐसा वर्णन किया गया है कि साहित्य औ भूगोल विद्या दोनों का आनन्द इकट्ठा टपकता है। | गुप्ताशुद्धिप्रदर्शन–दाम )। ( पलितपछार )-इसमें संस्कृत में सौ वाक्य है औ प्रत्येक में एक एक दो दो व्याकरण की अशुद्धि से हैं पर वे ऐसौ गुप्त रक्खो गई हैं कि शीघ्र नहीं समझ में आतीं यह इन्ट्रन्स के छात्रों के लिये अत्यन्त उपयोगी है।

  • धर्म की धूम-दाम ) ।

यह पोथी अनुराग भी उत्साह से परिपूर्ण गीतों से भरी है । जिसे कुछ भी भारत पर प्रेम है, जाति पर अनुराग है धर्म पर विश्वास है को उन्नति पर उमङ्ग है उसका यह जीवन धन है ( इसके

  • गीत धर्मसभाभी के उत्सवों में प्रायः गाये जाते हैं)

| द्रव्यस्तोत्र-दाम।। संस्कृत में द्रव्य के गुण दोष के वर्णन में व्यंगमय काव्य ।।

  • भारतसौभाग्य–दाम ॥

महारानी विकोरिया के जुबली महोत्सव पर नाटकाकार काव्य । इसकी प्रशंसा करना व्यर्थ है क्योंकि इसका पूरा अानन्द इसके देखनेही से मिलेगा इसकी लम्बी चौड़ी प्रशंसा इङ्गलैण्ड के प्रसिद्ध । अखबारों में भी छपी है।। | ललितानाटिका–दाम 1) | यह पोथी व्रजभाषा में बनी है इसकी बातूनी बोल चाल औ छन्दों की रचना प्रतिही मनोर है। इसमें एक हास्य औं शृङ्गार रसमय कलोला पर अभिनय हैं वस पढ़ते जाओ इँसते जाओ प्रेम में मत होते जो भी आनन्द के असू बहाते जाप्रो ।। ॐ गोसङ्कट नाटक---दाम 25॥ । यह अत्यन्तहो अपूर्व नाटक है इसमें यवनों का गौ पर अत्याचार श्री हिन्दुओं की उनसे बात चीत । फिर शाह अकबर के यहां उनकी मालिश फिर शाह अकबर की आज्ञा से गोवध का उठ जाना औ । हिदुभ का महोसव मयाना यह सब अति मनोहरता से वर्थित है। यह इतनी मधुर है कि हाथ में । | चैने पर राय से किताब म कुटती है। दाम बहुत ही कम रक्या है।