पृष्ठ:बिहारी बिहार.pdf/७५

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= =- = नारिको खोकापरि २२६ - -- -- = = = = | विषय होइङ्ग | विषय | इशा विषय दोहाङसाङ्क: || परकीया ) | ९९६] ३६ | "परकीयाचन्द्राभिसारिका ९६० | ११ | चैमरेले ॥ } २१२ | ६५ ज्यै धा कान ला ॥ १३० ४० " कुष्याभि सका । | २६९ ५१ । क्षीर महीनी ॥ ३१६] १६ दशनायिकाभेद ॥ दम्पति भिसारिका १६३ ५१ । पाने । ३१७ | स्वाधिनपतिका ३० ९२२ | १० |" निशा सारिका ५ ९६४ / ५५ अचानकरीरको मेिलनं २३९ । भूट नीतियतिकास्की ११५ | ४१ । खयरत छकीमा । | ९६५ : ५३ नापिकासेनाक काप० २२३ | इ9 {" " परकीया " | १२ | ४१ ।। परकीया । | १८४ | १७ |नायक सेनायिका कोप- २२.५ अवस्यतिकास्की ९२ ४२ थी अधीरा वर्णन । | ॥ ॥ ॥ प्रोढा" | १५१ } ४२. | मध्याथीरा वर्णन | १०६ | ५० नायकसरकाशहा २२७ || ५ ५ स्वकीयो । १३३ | ४३ |", अधीरा ॥ | | १९८६ नाशकाकीसदी ३२८ | ॥ ॥ परकीया » १३ | ४५ । ५ धीराशीरा ५ | १२ | ५' । १२३९ । आगतमतिकास्की : प्रौदा चीरा ॥ ९९३ ।। भागमै लेक्षित | ९४१ | १५ | " अथीरा ॥ ९९५ सात्विक भाव परकीयाआगमलती १४४ | ४६ | " धीराधीरा ॥ | १६ | ६० । विभाग वर्णन पा आग- २४५ } ४६ | उत्तमादि वर्णन ॥ लम्चन ३३६ ||"परकीयाआगमलसि९४ | ४७ |उत्तमा स्वपिरता » । २०१ | ११ | उद्दीपन कलहान्तरिताः ॥ |.९५० } ४८ मध्यभा ॥ अनुभाव ३३९” । |उत्कण्ठिती ॥ | ९५३ | ४ः । अथमा ॥ | २०५ | १५ हा वास सज्जा " | ९५३ | ४ |हितीपभोगशृंगारवर्ण |अभिसारिकास्कीया १५५ । ४ । संयोग ।। २०६ | १३ | विर्भहा। | ., परकीया » । २५६ | ५० । विपरीतने ) | २०७ ६३ | ललितलाव - - - =- =- = ३३५. ७ २५५ = = = = == | ५०३ ] ६१ | == = = = = =- = -= - = -चपक I ==

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