पृष्ठ:बौद्ध धर्म-दर्शन.pdf/७६१

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विसमाग विसुद्धिमम्गो ( विशुद्धिमार्ग) १२, २६, ३४, ३६, १२, ५४, ६१, ५६, ७२, ८२, १०७, २२८, २२६, २३५, २३६, ३२२, ३३४, YU ६५ विरागधातु २६६ विराट १५० विराट-पुरुष विराट-अशापारमिता विरुष विरुद्धार्थता ४६१ विरुद्धाव्यभिचारी ६१६ विरोध विवर्त २६५, ३६६ विवर्तना विवर्तनिश्रित विवर्तवाद ५६५ विविकाकार विवेकल्याति विशात विशुद्ध विशुद्धि विशुद्धिमार्ग २२७, २३०, २३२, २३३, २३५ विशेष २४६, ३४८, ५६६ विश्वकर्मा ११६ विश्वजित् विश्वदेवेश्यवाद ३६६ विश्वनाथ ५ES विश्वभारती १७०, ४२ विश्वामित्र विश्वास २८४ विषमहेनुवाद V5 विषय विषय-विशप्त्याख्य विष्णु १२१, १२२, १६२, ५७० वीयेंद्रिय विहरण ३२९ विहार विहारदान विहिंसा वीथि बीथि-चित्त वीरदत्तपरिपृच्छा वीर्य ६१, ६३, ६४, ३३४, ३३८ वीर्य-पामिता १८१, ९८४, १६०, २०४ वीर्य-समृद्धि २०५ वीर्यारंभ ३२८ वीर्यापेक्षा वृत्त वृत्ति-वैलक्षणय ३८१ वृद्धि-हेतु वृषभ १६२ वृषलसूत्र वेग बेतालीय २६ बेतुल्यक वेतुल्लक १०४ १,२८, १२७, ५७०, ५८१ वेगु २८७ वेदना २०, २१, २२२, २२५, २२६, २३४, ३१४, ३३५, १२८, ५६,३१५ विष्णुलोक वियोग-फल २७२, ३६६, ४८१