पृष्ठ:बौद्ध धर्म-दर्शन.pdf/७६३

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( 4 ) ६४, ४६२,५७७ ३२६ ३१५, १६,५८३, ५E HES शब्दान शब्दतन्मात्र शब्द-प्रमाण १५, १२६, १४० १७, ४१, ६७, २७१ २३६ २ शयन व्यवदान व्यवदान-सभरण व्यवसायात्मक व्यवस्थान व्यवहार-सत्य व्याकरण व्यारव्यायुक्ति व्यापाद व्यापाद-स्पर्श ब्याति व्या मिश्र व्यायाम व्यावदानिक व्यावहारिक व्यावहारिक-तत्व व्यावृत्त-धर्म व्यास ध्यासभाध्य म्युस्थान व्युत्थानवशिता व्युत्पत्ति ग्युत्सर्गरत व्युपशम न्यूहन-कार ५६८ २२२ १६२ १९१, २२२ शमथ ४२,६४, १६१, २१२ शमथ-निमित्त १८६६ शमथ-मार्ग शमथ-यान ३६, ४१ शमथयानिक शमाभिराम ३६४ ५० शयनासन २५,४३ २७८, २९४ शरणगमन १८६, २८६ शरवात्स्की ६, २६६, २६७, ३.., ३०२, ३०५,१०६ शरीर शलाकास्ति २६६ शशरख ३२५ राशग ५६१ शशि शशिकेतु शांत शांतमति ५४२ शांतरक्षित शांतिदेव १०६,१८,१५७, १९५, १७१-१७५, १८४-१८१, १९०, ४५२, ४२ ३१६, ५६६ शंकर ३९६, ४७६, ४८६,५६६, ५८७,५६५ शंकरमिक्ष २२२ शंकुक २६२ शक १२६ शकाशन १४८ रातकशाक शवसाहसिका-प्रज्ञापारमिता १५७, १५१, ग्राक १७७ शाक्य शाक्यपुत्रीय शास्यमित्र