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भूमिका : जीवन-परिचय, काव्य-परिचय, समीक्षासार | ९–२६ |
मूलपाठ : | |
१. यमुना लहरी | १ |
२. नखशिख | २१ |
३. गोपी पचीसी | ३१ |
४. राधाष्टक | ३६ |
५. कृष्णाष्टक | ३८ |
६. रामाष्टक | ४० |
७. गंगा स्तुति | ४२ |
८. दशमहाविद्यान की स्तुति | ४५ |
९. ज्वालाष्टक | ४७ |
१०. पहिला गणेशाष्टक | ४९ |
११. दूसरा गणेशाष्टक | ५१ |
१२. शिवादि देवतान की स्तुति | ५३ |
१३. षट्ऋतु वर्णन तथा अन्योक्ति वर्णन | ५९ |
१४. प्रस्तावक नीति कवित्त | ८१ |
१५. द्रगशतकम् | ८८ |
१६. भक्ति और शांतरस के कवित्त | ९५ |