पृष्ठ:भामिनी विलास.djvu/१९२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१७२


और बहुतही स्पष्ट रोचक किया गयाहै इसपुस्तकके केवल पास होनेसे मनुष्य सम्पूर्ण अंगके शुभाशुभ लक्षण कहसक्ताहै ऐसी उत्तम पुस्तक आजदिन पर्य्यन्त अन्यत्र कहीं नहीं छपी पुस्तक बहुत बड़ा और सुंदर होने परमी सर्वला धारणके सुलभार्थ किमत केवल (१) रु॰ मात्र है।

लीलावती गणित.

(भाषाटीका समेत.)

यह सद्गणितकी परिपाटी श्रीमान् भास्कराचार्यजीने निर्माण किया है, इसमें गणित प्रकरणके अनेकानेक स्पष्ट नियम बांधे है, और प्रत्येक नियमके स्पष्टीकरणार्थ बहोत बहोत उदाहरण दिये हैं. इस संस्कृत ग्रंथका सर्व साधारणोंको ज्ञान लाभहोनेके वास्तै हमने सरल सुबोध स्पष्ट उदाहरणोंसमेत और अन्वयके साथ हिंदीमें भाषाटीका करवायकै निज "श्रीवेङ्कटेश्वर" छापखानेमें चिकने पुष्ट कागदपर छापकै प्रसिद्ध करी है. यह पुस्तक सर्व गणिताभ्यासी साधारण क्षात्रोंको बहोत उपयोगी और अलभ्य है ऐसी सविस्तर भापाटीका अन्वयसहित कहींभी नहीं छपी. सबके सुगमार्थ मूल्य बहोतही स्वल्प केवल १॥ रु॰ रक्खाहै.

पुस्तकमिलनेकाठिकाना-

खेमराज श्रीकृष्णदास

श्रीवेंकटेश्वर छापखाना मुंबई.