पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास भाग 1.djvu/३०२

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२६६ भारतवर्षका इतिहास मेर, बनारस, ग्वालियर ओर अनहिलबाड़को जीतकर भारतपर अपना अधिकार जमा लिया। सन् १२०३ ई० में कालसर भी मुसल्मानोंके अधिकारमें आ गया। कन्नौजके मुसलमानोंके अधिकारमें मानेके वाइसे कूच। पश्चात् धारवार वंशंके सभी राजपूत नको अब राठौर कहा जाता है, फन्नौजसे उठकर. मारवाड़में जा बसे। यहां उन्होंने एक नवीन राज्यकी स्थापना की जिसको जोधपुर राज्य कहा जाता है। राठौरॉका मार- चौथा परिच्छेद मध्यवर्ती प्रान्त बुन्देलखण्ड और मालवाके हिन्दू-राज्य । जो प्रदेश यमुना और नर्मदाके बीच स्थित है और जिसको अब बुन्देलखण्ड कहा जाता है उसका नाम जेजाकभुक्ति था। जो इलाका अय मध्यप्रदेशमें मिला हुआ है उसको प्राचीन कालमें चेदि काहते थे। चेदिके दो भाग थे-पूर्वी यौर पश्चिमी, पश्चिमी चेदिकी राजधानी जबलपुरके निकट त्रिपुरमें थी। पश्चिमी चेदि दाहाल भी कहलाता था। पूर्वी चेदि या महाकोसलकी राजधानी रतपुरमें थो। चन्देल राजपूतोंका मूल पुरुष नन्नुक चंदेल ईसाकी नवीं शताब्दीमें ऐतिहासिक प्रकाशमें भाया क्यों- कि उसने सन् ८३१ ई० में एक परिवारको पराजित करके जैजायभुक्तिपर अधिकार किया, चन्देल वंशके शासकोंने असंख्य मन्दिर और तालाय पनाये। उन्होंने महोया, कालअर, खजुराही फे नगरोंफो सुसजित और सुन्दर बनाया। उनके मन्दिर