पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास भाग 1.djvu/३२६

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२८६ भारतवर्षका इतिहास पूतोफा राज्य रहा। देवगिरिको अब औरगाबाद कहते हैं। सन् १२६४ ई०में अलाउद्दीन खिलजीने देवगिरिपर धावा करके असीम धन प्राप्त किया। सन् १९९६ ई०में दक्षिणके अन्तिम स्वाधीन राजारामचन्द्रने मलिक काफूरकी अधीनता स्वीकार की। सन् १३१८ ई० में उसके जामाता हरपालने विद्रोहका मंडा बड़ा किया। इसपर मलिक काफूरने उसकी जीते जी घाल खिंचवाई इस प्रकार यादववंशका अन्त हुआ। संस्कृतका प्रसिद्ध लेखक हेमाद्रि जिसका दूसरा नाम हेमादपन्त है रामचन्द्र के समयमें हुआ। इस लेखकने हिन्दू धर्मको मर्यादापर यहुत सी पुस्तकें लिप्ती हैं। हेमादि। दूसरा परिच्छेद सुदूर दक्षिणके राज्य । (१) पांड्य और चैर-राज्यकी कहानियां । इम ऊपर यह आये हैं कि उस प्रदेशका नाम तामिल है जो कृष्णा और तुङ्गभद्राके दक्षिगमें है और कुमारी अन्तरीपतक पहुंचता है। महाराज अशोकके शिलालेखोंमें इस प्रदेशके चार बड़े राज्योंका उल्लेख है-एक पांड्य, दुसरा चेर या फेरल, तोसरा चोल और चौथा फेरलपुत्र । महाराजा अशोकके समयमें पांड्य राज्यमें मदुरा और तिना- चलीफे जिले और चेर राज्यमें मालाबार, आजकलके कोचीन और ट्राबडोरफा प्रदेश मिला मुया था। चोल राज्य फेरोम- स्लफया। कहते है कि ईसाश सनके भारसममें इस सारे