लाउँ डलहौज़ी सरकार ने सड़कें बनाई, नहरें निकाली, मदरसे खोले और इन्साफ़ के अच्छे कानून बनाये। पंजाब का ऐसा अच्छा प्रबन्ध हो गया जैसा पहिले कभी नहीं था। ५-१८२६ ई० में जो यन्दाबू को सन्धि हुई थी उसको ब्रह्मा का राजा कई बार तोड़ चुका था। ब्रह्मावालों ने अंगरेज़ी जहाजों के कप्तानों को कैद कर लिया और जब एक अंगरेजी अफ़सर ने उसका कारण पूछा इसे भी मारने पर उतारू हो गये। ६-इस कारण १८५२ ई० में ब्रह्मा से दूसरी बार लडाई छिड़ गई। लड़ाई रंगून के बड़े मन्दिर पर हुई । ब्रह्मावाले जानते थे कि आराकान और तिनासरिम का प्रवन्ध अंगरेजों के हाथ में ऐसा अच्छा हो गया है जैसा ब्रह्मा के राजा ने कभी न किया था। वह आप चाहते थे कि अंगरेज़ ब्रह्मा में राज करें। यही कारण है कि उन्हों ने अंगरेज़ों को रसद दी और उनकी सारी आवश्य- कतायें निपटा दो। ७-ब्रह्मा का राजा ब्रह्मा के ऊपर के भाग में आवा शहर में रहता था। उसने सन्धि करना स्वीकार न किया । लार्ड डलहौज़ी ने १८५३ ई० में पहिले दो इलाकों के साथ पेगू का तोसरा जिला मिला कर ब्रह्मा का सूवा बना दिया और रंगून उसको राजधानी हुई। तब से रंगून एक बड़ा बन्दरगाह बन गया है। अब इसमें पहिले से बीस गुने आदमी रहते हैं सारा देश सुचित्त है और धन से भरा हुआ । अब न पहिले की तरह झगड़ा बखेड़ा है और न यह हाल है कि अत्याचारो बादशाह जब चाहे सैकड़ों प्रजा का बध करा दे। इसको जगह नेकनोयतो और प्रजा पालन का राज्य है न्याय और इनसाफ़ के कानून हैं ; सब जगह शान्ति और सुख है देश हरा भरा और प्रजा प्रसन्न है। 1 है