पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/१०४

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भारतवर्ष का इतिहास था। पर अब काम इतना बढ़ गया कि एक ही अफ़सर गवनेरी और गवर्नर जनरली दोनों नहीं कर सकता था। बङ्गाल के लिये एक लेफटिनेण्ट गवनर नियुक्त हुआ और गवर्नर जनरल के अधिकार में केवल भारत के शासन का भारी काम रह गया। अब से गवनर जनरल और उसकी कौन्सिल शिमले पर जाने लगो जो पंजाब का एक पहाड़ी स्थान है। तब से अब तक साल भर में आठ महोने गवर्नर जनरल और उसको कौन्सिल शिमले में रहतो है। ७७-लार्ड डलहौजी अगरेजी राज के लाभ --सन् १८३५ ई० में पहिले हो पहिल बास मील का टुकड़ा रेल का तैयार हुआ। अब इस देश में बोस हजार मील से ज्यादा रेल को लम्बाई है। बहुत बड़े नगर और बन्दरगाह रेल से मिले हुए हैं। और हर साल लगभग दस करोड़ यात्री रेल से यात्रा करते हैं। रेलो पर माल में बड़ी सुगमता से एक जगह से दूसरी जगह आता जाता है। जो कहीं काल पड़ता है तो दूसरे देशों का अन्न वहां पहुंच जाता है और बहुत सी जाने बच जाती हैं। रेल के कारण सेना के खर्च में भी बड़ी बचत है। क्योंकि भारत के हर हिस्से में बड़ी बड़ी सेना रखने के बदले स्वास्थकारक स्थानों में छावनियां बनादी गई हैं। और जहां कहीं ज़रूरत पड़ती है रेल पर चढ़ कर सेना पहुंच जाती है। २-लाई उलहौजी के समय में व्यापार को बड़ी वृद्धि हुई। भारतवासी व्यापारियों के रूई और अन्न को विक्री पहिले से