पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/१०७

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लार्ड कैनिंग शान्ति फैली थो। कोई डर की बात न थी। पर बंगाले में एकाएक एक उपद्रव फैला। यह उपद्रव बंगाले की देशो सेना का विद्रोह था जो ग़दर के नाम से प्रसिद्ध है। २-अंगरेजी हुकूमत के आरम्भ से बंगाल एक शान्ति और आज्ञा पालन करनेवाला प्रान्त चला आता था। इस कारण वहां बहुत थोड़े अंगरेजो सिपाहो रक्खे जाते थे। पंजाब के सर होने पर बहुत से गोरे पश्चिमोत्तर भारत में भेज दिये गये थे। देशी सिपाही बहुतेरे थे। ३--आजकल रेल, तार, डाक, स्कूल और अस्पतालों को सब उप- योगो मानते हैं। पर जब यह पहिले पहिल चले थे तो इस देश के लोग जिन्हों ने कभी इनका नाम भी नहीं सुना था, बहुत डरते थे और सोचते थे कि अंगरेज़ों ने हमारो हानि के लिये यह सव बनाया है। कुछ लोग कहते थे कि रेल की लाइनें और बिजली के तार जंजीर हैं जिन से जमीन बाँध दी गई है। कुछ लोग रेल के इञ्जिनों ओर गाड़ियों को बिना बैल या घोड़े को सहायता के चलते देख कर यह कहते थे कि यह शैतान का काम है। जो उन्हों ने जाना कि तार द्वारा समाचार मिनट दो मिनट में पहुंच जाते हैं, तो वह बहुत डरे । कुछ लोगों का यह विचार था कि अंगरेजों ने जो अस्पताल और स्कूल खोले हैं, यह प्रजा का धर्म नष्ट करने के लिये हैं और अंगरेजी पढ़ने से हिन्दुओं का धर्म नष्ट हो जाता है। लार्ड कैनिंग