पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/११३

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भारत इङ्गलिस्तान की महारानो के शासन में एक घोषणा जारी की, जो भारत को वोस भाषाओं में अनुवादित होकर प्रत्येक बड़े नगर में नवम्बर सन् १८५८ ई० के प्रथम दिन सब प्रजा समुदाय के सामने पढ़ो गई। यह घोषणा भारत के राजकुमारों तथा अन्य समय साधारण प्रजा के नाम थी, और इसे उचित रीति पर भारत की सब से बड़ी सनद (मैगना चार्टी) कहा जा सकता है, जिस पर एक विस्तृत देश के निवासियों के स्वत्वों तथा स्वतन्त्रता को नीवें स्थापित है। २-लार्ड केनिङ्ग जो सन् १८५६ ई० से भारत के गवर्नर जनरल थे, महालानी के नाम पर भारत में शासन करने के लिये नियत किये गये और उनका पद वाइसराय तथा गवर्नर जनरल हुआ। ईस्ट इण्डिया कम्पनी के समस्त अगरेज तथा भारतीय कर्म चारी अपने अपने पदों पर महारानी के कर्मचारी बन कर स्थित रहे। इस घोषणा में लिखा था कि- महारानी विक्टोरिया "हम ( अर्थात महाराणी जो ) भारतीय रियासतों के स्वामियों के स्वत्व, पद तथा मान मर्यादा को अपने समान समझेगी। "हम उन सब को जो हमारे आधान कुछ अधिकार रखते हैं बड़े ज़ोर से यह ताकीद करतो है, कि वह हमारी प्रजा के प्रत्येक घ्यक्ति के धार्मिक सिद्धान्तों तथा पूजा आदि में सब प्रकार हस्तक्षेप करने से अलग रहें। "हमारी यह इच्छा है कि जहां तक सम्भव हा भारत के प्राचीन स्वत्वों और रीति नोति का उचित ध्यान रखा जाय ।