पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/१२६

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भारतवर्ष का इतिहास अफ़ज़ल खां को उसके पुत्र अबदुल रहमान ने कारागार से निकाल कर सिंहासन पर बैठाया। शेर अली भाग गया कि अफ़ज़ल खां राज्याधिकार पाने के पीछे शीघ्र ही मर गया, और शेर खां फिर अमीर बन बैठा। सर जान लारेन्स ने बड़ी बुद्धिमत्ता तथा दूर- दर्शिता अफ़ग़ानिस्तान के झगड़ों में हाथ डालने से इनकार कर दिया और अफ़ग़ानों को आपस में लड़ भिड़ कर निबट लेने के लिये स्वतन्त्र छोड़ दिया। ६-सन् १८६६ ई० में उड़ीसे में एक भयानक अकाल पड़ा, जिस में बहुत से मनुष्य मर गये। सरकार ने उस अवसर पर बड़ा रुपया स्वरच करके बहुत सी जाने बचाई। परिणाम यह हुआ, कि उड़ीसा में बहुत सी नई सड़के, नहरें तथा रेले बन गई, जिस से यदि फिर कोई अकाल पड़े, तो वहां अनाज ले जाने में सुगमता रहे। वाइसराय ने एक बड़ी रकम अलग करके उसका नाम "फेमिन इन्श्योरेन्स फण्ड" अथवा "काल बीमे की पूंजी" रख दिया, और यह निश्चय किया कि इस फण्ड में प्रतिवर्षे कुछ न कुछ. मिला कर उसे सार्वजनिक भलाई के कामों, जैसे सड़कों, रेलों, नहरों आदि पर लगाया जाय, जिस से अकाल दूर रहे। ७-लार्ड डलहौज़ी के समय में जो सुधार आरम्भ हुए थे सर जान लारेन्स ने उन्हें पूर्णता को पहुंचाया और कई नये सुधार भी किये। सब से पहले उन्होंने नये स्कूल तथा कालेज जारी किये। तार के सिलसिले का बिस्तार किया। दो पैसे के डाक टिकट में पहले से दुगुने बोझ के पत्रादि भेजने को आज्ञा दो। वन विभाग (महकमा जंगलात ) को विस्तृत किया और बहुत से वृक्ष लगवाये। ८-लार्ड मेयो चौथे वाइसराय सन् १८६६ ई० में आये। उन्होंने तीन साल तक शासन किया और अन्त में एएडमन द्वीप --