पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/१३६

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१२६ भारतवर्ष का इतिहास संग्रह होकर एक फातु स्थापित किया गया, जो "लेडी डफरिन फण्ड" कहलाया। यह सब कुछ महारानो विकोरिया को आज्ञानुसार तथा उनकी सहायता से हुआ | १३-सन् १८८६ ई० में लार्ड डफरिन ने ग्वालियर राज्य के शासक सेन्धिया को ग्वालियर का प्रसिद्ध किला लौटा दिया, जिस पर एक अंगरेजी फौज ने सन् १७८४ ई० में कप्तान पोपहम की आधीनता में अधिकार प्राप्त किया था (देखो अध्याय ५२)! इससे ज्ञात होता था कि यह वाइसराय भारतीय राजकुमारों पर कितना विश्वास रखते थे। १४ ---सन् १८८५ ई० में इण्डियन नेशनल कांग्रेस का पहिला जलसा हुआ। इस महासभा की जड़ मिः ए. ओ. ह्यूम सन् १८८३ ई० में रक्खी थी। मिः ह्यूम एक अंगरेज़ सिविलियन थे। उन्होंने यह सभा इस लिये स्थापित की थी कि शिक्षित भारतवासी समय समय पर सरकार को यह प्रगट कर सके कि उनके विचार में देश को भलाई के लिये और क्या सुधार तथा उन्नति करनी आवश्यक है। उस समय से लेकर अब तक कांग्रेस प्रति वर्ष देश के किसी न किसी बड़े नगर में अपने उत्सव कर रही है। १५---सन् १८८२ ई० में एक भारतीय सेना वृतानी सेना के एक भाग के तौर पर मिश्र देश को भेजो गई। मिश्र की राज- धानो काहिरा पर विजय प्राप्त हुई। सेनाएं उसी साल भारत लौट आई। ब्रह्मा के युद्ध के अतिरिक्त यह पहिला अवसर था कि भारत की सेनाएं साम्राज्य के निमित्त युद्ध करने भारत से बाहर भेजी गई। १६-लार्ड लैन्सडौन (सन् १८८८-१८९४ ई० ) नर्वे वाइसराय थे। सन् १८६० ई० में मणीपुर का राजा गद्दी से