पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/१४०

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भारतवर्ष का इतिहास थीं, और आप प्रायः उनके राजाओं तथा रानियों के कुछ सम्बन्धी भी थे, जैसे कि कैसर जरमनो आप के भानजे तथा महारानी रूस आप की भतीजी थी । आप ने यूरोप में शान्ति रखने का वड़ा प्रयत्न किया। इसी कारण से आप को इतिहास में "पडवडे दी पीस मेकर' अर्थात् “शान्तिकारक एडवर्ड" कहा जाता जब आप का अन्तिम संस्कार हुआ तो यूरोप के सात देशों के राजा आप की ओर अपना प्रेम तथा सम्मान प्रगट करने के लिये विद्यमान थे। ३-महारानो विकोरिया के शासन काल में जो पहले महारानी और पीछे से भारत सम्राज्ञी कहलाई, दस वाइसराय भारत में पधारे। महाराजा एडवर्ड के समय में दो आये। एक लार्ड कर्जन और दूसरे लार्ड मिण्टो । ग्यारहवां वाइसराय लाडे कर्जन थे, जिन्हों ने सन् १८६६ ई० से सन् १६०५ ई० तक शासन किया। इनके शासन काल में दो नये प्रान्त बनाये गये। यह अनुभव हुआ था, कि पुराने प्रान्त में से दो, पञ्जाव तथा बंगाल, के शासन का काम एक लेफटनेण्ट गवर्नर के लिये बहुत अधिक है अतएव पञ्जाब के उत्तर-पश्चिमी भाग को अलग करके एक नया प्रान्त बना दिया गया, और उसका नाम पश्चिमोत्तर सीमा बंगाल के पूर्वोय भाग को आसाम के साथ मिला कर उसको पूर्वीय बंगाल तथा आसाम प्रान्त का नाम दिया गया। यह परिवतन लाई कजेन के शासन काल के भारत चित्र में स्पष्ट दिखाई देते हैं। ४- लार्ड कर्जन ने भारत में बहुत से सुधार किये, उन्होंने लवण का कर आधा कर दिया। प्रजा के कङ्गाल हिस्से को इससे बड़ा सहारा मिला। उन्होंने व्यापार तथा सब प्रकार की कारोगरी को सहायता के लिये व्यापार तथा कारीगरी बिभाग स्थापित प्रान्त रखा गया।