पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/१४१

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भारत सम्राट एडवर्ड सप्तम के शासन में किया। सन् १९०० ई० में एक बड़ा विस्तृत अकाल पड़ा, किन्तु वाइसराय तथा उनके अफसरों की बुद्धिमत्ता और मनुष्यों को समय पर सहायता मिल जाने के कारण बहुत कम मनुष्य मरे । युनिसिटियों का सुधार किया गया, जिस से वह अपना काय्य भलीभांति कर सकें। ग्रामीय बङ्क स्थापित किये गये, जिस से आवश्यकता के समय प्रजा थोड़े सूद पर उनसे रुपया उधार ले सकें। पक्षाव में एक ऐक्ट “पञ्जाब भूमि ऐक्ट" के नाम से पास किया गया. जिस ने भूमि के स्वामो किसानों को साहकारों के पंजों से छुड़ाया, जो उनसे भूमि छीन लेने का प्रयत्न करते थे। रियासत अधीशों के पुत्रों को फौजो शिक्षा देने के लिये "इम्पोरि- यल कैडेट कोर" स्थापित की गई। पश्चिमोत्तरीय सीमा पर सीमावासी जातियां जो समय समय पर हम से लड़ाई भिड़ाई करती रहती थी, नौकर रख ली गई। उन्हें शस्त्र बांट दिये गये, और अपने प्रदेश में शान्ति रखने के निमित्त उन्हें बेतन दी गई। ५-सन् १९०१ ई० में अबदुल रहमान अमीर अफगानिस्तान का देहान्त हो गया और उसके स्थान में उसका पुत्र हबोवउल्ला अमीर हुआ, उसने अपने पिता के सब प्रतिज्ञापत्रों को स्वीकार कर लिया। ६-सन् १६०४ ई० में दलाई लामा तिब्बत अधीश ने शत्रुवत् बर्ताव किया। हमारे व्यापार के मार्ग में रुकावटें डाली तथा रूसियों को अपनी सहायता के लिये बुलाया। कनल यङ्गहस्वरड लाडकजन