पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/१४४

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। १३४ भारतवर्ष का इतिहास अधिक स्थान दिया गया। इन नये सदस्यों में से बहुत से भिन्न भिन्न सार्वजनिक सभाओं जैसे कि प्रविंशल ( प्रान्तिक) कौन्सिलो, जिला बोडौं, म्युनिसिपल बोडौं, ध्यापार गृहों (चेम्बर्स आफ कामर्स) तथा युनिवर्सिटियों के चुने हुए थे इन बातों का विशेष ध्यान रखा गया था, कि हिन्दुओं तथा मुसल- मानों दोनों में से सदस्य बनाये जावें। भारतमन्त्री की कौन्सिल में भी, जो लण्डन में है दो भारतीय सदस्यों को स्थान दिया गया। इनमें से पक हिन्दू तथा दूसरा मुसलमान लार्ड मिण्टो है। पीछे से एक हिन्दू सदस्य और बढ़ा दिया गया। अब तीन हिन्दुस्थानो सदस्य हैं। है. उस समय में लार्ड मारले के भारतमन्त्री होने के कारण इन सुधारों को "मिण्टो मारले सुधार" का नाम दिया जाता है । ८५–भारत सम्राट जार्ज पञ्चम के शासन में उनके समय के वाइसराय (सन् १९१० ई० से सन् १९१२ ई० तक) १-महाराजा एडवर्ड के पीछे उनके सुपुत्र जार्ज सन् १६१० ई० में सिंहासन पर सुशोभित हुए, जो हमारे वतमान सम्राट हैं । जाजे पञ्चम कहलाते हैं। आप ने लाई हार्डिा को अपना वाइसराय बना कर भेजा। आप