पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/१४८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

भारतवर्ष का इतिहास - आंसू बहने लगे। वह लाखों मनुष्य जिन्हों ने दिल्ली, कलकत्ता तथा बम्बई में श्रीमान् सम्राट तथा श्रीमती सम्राज्ञी के दर्शन किये थे, अपनी आयु भर उस दिन को याद करेंगे, जिस दिन उन्हें अपने सम्राट तथा सम्राज्ञो के दर्शन नसोव हुप थे ५-लार्ड हार्डिज जिन्हों ने भारत पर सन् १९१० तक वाइसराय होकर शासन किया था एक सर्वत्रिय पाइसराय थे । उन्होंने एक कमीशन इस लिये स्थापित किया कि वह भारत भर में दौरा करके तथा लोगों को राय जान कर उन्हें यह समझावे कि सरकारी नौकरियों की अबस्था में उन्नति करने के लिये ध्या साधन काम में लगने उचित है, तथा भारतीयों को उनमें अधिक भाग किस प्रकार दिया जा सकता है। उन्होंने भी भारत की दशा सुधारने के लिय यथासम्भव प्रयत किया, और बहुत सी नई पाठशालाएं और अस्पताल खोले। सड़कों की अवस्था सुधारी, तथा रेलवे लाइने जारी की। उनके इस शुभकाया महायुद्ध बिनकारी हुआ, जो कि अगस्त सन् १९१४ ई० से आरम्भ हुआ। जब वह इङ्गलिस्तान लौट गये. तो सन् १९१६ ई० में लार्ड चेम्सफोड इनके स्थान पर वाइसराय बनाये गये। ८६--महायुद्ध में भारत (सन् १९१४ ई० से सन् १६१८ ई० तक) १-यह महासमर संसार के इतिहास में अपनी उपमा नहीं रखता। इसमें तीन करोड़ से अधिक मनुष्य सम्मिलित थे ; और दुनिया की प्रायः हर एक जाति ने इसमें भाग लिया था। ओर जर्मनी, आस्ट्रिया, टी और बलग़ारिया थे। इन्हें 'मध्य शक्तियां' कहा जाता था। दूसरी ओर इङ्गलैण्ड, फ्रान्स, इटली, .