पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/१५१

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महायुद्ध में भारत १४१ तथा युद्ध का अन्य सामान तैयार करा सके, उन्होंने तैयार कराया, और उन्हें फ्रान्स भेजा। इस युद्ध की घोषणा होते ही समन बृतानी जाति ने हथियार उठा लिये। एक साल के अन्दर ही अन्दर असंख्य सुशिक्षित सिपाही रणक्षेत्र में पहुंच गये। इसके उपरान्त दस लाख और भेजे गये, और फिर एक और बहुत बड़ी सेना भेजी His गई। इससे बड़ी सेना वृतानिया में पहले कभी भरती नहीं हुई थी। किसानों ने अपने खेतों को, गड़ेरिया ने रेवड़ों को, क्लाकों ने अपने दफ्तरों, दूकानों तथा बंकों को, मजदूरों ने अपने धक्शापों, तथा कारखानों को, और विद्यार्थियों ने अपने कालेजों और स्कूलों को छोड़ दिया। सारांश यह कि लाखों मनुष्य सत्रह साल के