पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/१६१

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महायुद्ध में भारत १५१ सैकड़ों भारतीय नेताओं तथा राज्याधीशों से भेंट वा बार्तालाप की। आप यह जानने के लिये पधारे थे कि भारतवासियों को अपने देश के शासन में अधिक भाग देने तथा और ज़िला बोझै म्युनिसि- पल बोर्डो में निर्वाचित सदस्यों को संख्या बढ़ाने और इन कान्सिलों को बर्तमान काल की अपेक्षा अधिक अधिकार प्रदान करने के विषय में क्या अन्य साधन प्रयोग करने उचित हैं। इससे पूर्व कभी कोई भारत मन्त्री भारत में नहीं पधारे थे। मिः मांटेगू तथा लाई चेम्सफोर्ड ने इस विषय में अपनी रिपोर्ट पालीमेण्ट के सामने रखने के लिये भेज दी। लार्ड चेमस्फोर्ड २१---"इम्पोरियल बार कैबिनेर" में जो युद्ध काल में बृटिश साम्राज्य के कार्यों का प्रबन्ध करने के लिये स्थापित हुई जिसमें भारत को ओर से दो भारतो सदस्य भो लिये गये। यह महाराजा बीकानेर और सर एस, पो, सिन्हा थे ; जो इङ्गलिस्तान के महा-मन्त्री और अन्य आठ साम्राज्य-मन्त्रियों तथा वृतानिया साम्राज्य के उपनिवेशों कनाडा, आस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड, दक्षिण आफ्रिका न्यूफौण्डलैण्ड के सदस्यों के बराबर कौन्सिल में बैठते थे। बृटिश इण्डिया के नवीन राज्य-प्रणालो के अनुसार लार्ड सिन्हा बिहार और उड़ीसा के गवर्नर नियुक्त किये गये। यह पहले भारत बासी थे जो वृटिश राज्य में एक सूबे के शासनकर्ता बनाये गये थे।