पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/१६२

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भारतवर्ष का इतिहास २२--आखिरकार सन् १९१८ ई० के नवम्बर मास में यह महायुद्ध समाप्त हुआ। जर्मन और उनके साथी हार गये। और सन्धि के प्रार्थी हुए। उनके कैसर ने अपने राज्य को छोड़ कर युद्ध से पृथक हालैण्ड देश में शरण ली। जहां कि वह सब प्रकार से सुरक्षित था। ११ नवम्बर सन् १९१८ ई० को दोनों पक्षों ने सामयिक सन्धि को खोकार कर लिया। अर्थात् सन्धि की अन्तिम घोषणा होने तक युद्ध वन्द कर दिया गया। जर्मनों ने अपना सेना भंग कर दो। और अपने युद्ध के जहाज, तोपें, तथा सारे देश जिन पर उन्होंने अधिकार जमाया था, बिजेताओं को दे दिया। समय ( अप्रैल सन् १९१६ लाई सिन्हा ई० में) सर्व मित्र-शक्तियों की एक सभा पैरिस में हुई ताकि अन्तिम सन्धि की शर्ते' नियत की जायं। और यह निर्णय किया जाय कि जर्मनी को उसके अपराधों का क्या दएड मिलना चाहिये। २३--सन् १९१६ ई० के आरम्भ में सर एस. पी. सिन्हा को इंगलैण्ड के लाई बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। और सिन्हा महोदय पार्लिमेण्ट की लार्ड सभा ( House of Lords) में लार्ड सिन्हा आफ़ रायपुर के रूप में सम्मिलित हुए। ये पहले ही भारतीय थे जिन्हें यह उच्च पदवो मिली। साथ हो लाड सिन्हा सहायक भारत मन्त्री नियत हुए । यह उच्च पद इससे