पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/१६९

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भारत की नई शासन पद्धति और वाइसराय द्वारा स्वीकृत होने चाहिये हर पांचवें बष यह कौन्सिल नई हो जाया करेगो। १८–प्रीवीकौन्सिल के मेम्बरों को श्रीमान् सम्राट जन्म भर के लिये नियुक्त करेंगे। जो लोग वृटिश भारत तथा रक्षित राज्यों के उच्चतर पदों पर रहे होंगे वही इसके सदस्य बन सकेंगे। यह लोग वाइसराय को शासन सम्बन्धी ऐसे विषयों में परामर्श देंगे जिन में वाइसराय उनके परामर्श को आवश्यकता समझते हों। इसके मेम्बरों को जोवन भर के लिये आनरेबुल की उपाधि मिलेगी। इसी प्रकार की एक कौन्सिल इंगलैण्ड में है जिस में राइट आनरेबुल सय्यद अमीर अली एक भारतीय सदस्य हैं। १६-नरेन्द्र मण्डल-यह नये नियम, जिनका वर्णन अभी हुआ है, केवल वृटिश भारत से हो सम्बन्ध रक्षित राज्यों से जहां भारतीय राजा अपनी इच्छानुसार राज्य करते हैं कुछ लगाव नहीं। श्रीमान् सम्राट उनके महाराज अवश्य हैं परन्तु वे लोग स्वतन्त्र शासक हैं। उनकी मर्यादा बढ़ाने के लिये वाइसराय साल में उनको एक सभा करेंगे। और समस्त भारत और देशी राज्य सम्बन्धी जिस विषय पर चाहेंगे उनसे परामर्श लेंगे जो इनके लिये बड़े ही महत्व का होगा। जय जय जय श्री जार्ज नरेश । रक्षक तुम्हारे रहें महेश ॥ चिरंजीव बिजयो नित रहो। प्रभु छाया में सब सुख लहो। यश कीर्ति हो अटल तुम्हारी। जग में बहुं दिश रहे विस्तारी ॥ पूर्ण करो भारत के काजा। जय जय जय जय जय महाराजा । इति ॥