पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/१८२

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१७२ भारतवर्ष का इतिहास (६) खेतो १–भारतखंड के रहनेवालों का सब से बड़ा काम अन्न उपजाना और ढोर पालना है। यहां ३० करोड़ आदमो रहते हैं जिन में दो तिहाई खेती हो से जीते हैं। यह देश मुख्य खेतों का हो देश है और गांव में दस में नी आदमो खेती बारी करके जीते हैं। इस से गवर्नमेण्ट खेतिहरों पर विशेष ध्यान रखतो है और इन्हें हर तरह को मदद देती है। यह काम ऐसे होता है। २-प्रजा के लिये परम आवश्यक बात शान्ति और रक्षा है। जब प्रजा को मारती और देश का सत्यानाश करतो पलटन इधर उधर फ़िरती थों; खेत उजाडतों और दुखिया किसानों को फसलें काट काट कर गांवों को जलाने में लगी रहती थी तो खेतो करना असम्भव हो जाता था। अब सब जगह शान्ति है। ज्यों ज्यों देश अङ्ग्रेजी शासन में आता गया और ब्रिटिश इण्डिया का अंग बनता गया प्रजा अपने खेतों में सुख चैन से खेतो करने लगो। ३- किसान को दूसरी आवश्यकता धरती का उचित लगान या पोत है। वह अङ्गरेज़ी शासन में बहुत हो उचित है और उसे देकर जो रुपया बचे उसे प्रजा जैसे चाहे खर्च करे और अपने काम में लाये। लगान तहसील करनेवालों को सरकार बड़ी बड़ी तनखाहें देती है। प्रजा को इन्हें कुछ देना नहीं पडता। जितना अनाज जमींदार के काम का न हो उसे वह सौदागरों के हाथ बेंच सकता है जो देश के और प्रान्तों में बेचने के लिये उसे मोल ले लेते हैं। पर जो अच्छी सड़के और रेल उन को दूर देशों में थोड़े खरचे पर पहुंचा देने के लिये न होती