पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/१८३

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ग्रेट ब्रिटेन के साम्राज्य में भारतवर्ष की उन्नति तो सौदागर ऐसा कभी न कर सकते। यह सब वस्तुएँ सरकार के प्रबंध से मिलती हैं जिन से ज़िमोंदारों को बड़ा लाभ है । ४-सरकार ने प्रजा और उनकी सन्तान के लिये ज़िराअतो (खेती के) कालेज और तजरुषों के फार्म (खेत) स्थापित किये हैं जिनमें खेतो की नई नई रोतियां सिखाई जाती हैं, जिन से खेतो में विशेष लाभ और सुगमता हो । और और देशों से नये नये अनाज फल तरकारो, मेवे लाकर इन फार्मों में बोये जाते हैं। फसल उगाने की नई रीतियां, नये हलों और नये बोजों की परीक्षा की जाती है। रोग पौधे की हानि करते और गेहूँ, चावल, कहवा, और ईख और और फसलों का नाश करते हैं उनकी जांच को जाती है। जो लोग इन रोगों को जानते और इनकी दवाई, इनके रोकथाम को जानते हैं वह गांवों में दौरा करने को भेजे जाते हैं कि वह किसानों और बाग़वानों को इन रोगों से छुटकारे का अच्छे से अच्छा उपाय बता दें। महकमा पशुचिकित्सा का भी है जिसे सिविल विटिनरी डिपार्टमेण्ट कहते हैं। इसके उहदेदार जमादारों के ढोरों की देखभाल करते हैं और जहाँ तक हो सकता है उन्हें देखभाल दवाई करने को रोति सिखाते हैं। इस विद्या के मदरसे भी हैं जहां लोगों को पशुचिकित्सा सिखाई जाती है। वह लोग पशुओं की जाति में उन्नति का भी उद्योग करते हैं जिस से ज़मोंदारों को वैसी ही अच्छो गायें, मज़बूत और बड़े बैल, घोड़े और रट्ट मिल सके जैसे इङ्गलिस्तान आस्ट्रेलिया और अगरेज़ो राज के और देशों में होते हैं। ६-सब जगह ज़मोंदारों के लड़कों के लिये मदरसे खोल दिये गये हैं जिस में वह लिखना पढ़ना सीखें ; क्योंकि किताबों से बहुत सी विद्या जानी जाती है। इस लिये जो लोग पढ़ सकते ५-एक IN