पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/१९९

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भारत का शासन और प्रबन्ध १८६ , (२) होम डिपार्टमेण्ट ( महकमा देशाय) जिसमें भारत के शासन का साधारण रीति से और अदालत जेल और पुलिस के विशेष रीति से काम काज होते हैं। (३) महकमा मालगुजारी और खेती। जो खेती, धरती का अमल, अकाल पोड़ितों की सहायता, जङ्गल और पैमाइश सम्बन्धीय काम काज करता (४) महकमा घ्यापार और शिल्पकला । जिसमें देश के भीतर और बाहर का व्यापार रेल, डाक, तार, बन्दरगाहों, जहाजों और महसूलों के मामिले निर्णय किये जाते (५) महकमा माल । उन सारे विषयों का निपटारा करता है जो नगद, खजाना, टकसाल, बैंक, इस्टाम, नोट, सरकारी नौकरों को तनखाह और पेनशन, नमक और अफ़ीम से सम्बन्ध रखते हैं। (६) महकमा सरकारी तामोरात । यह महकमा उसी मेम्बर के आधोन है जिसके पास मालगुजारी और खेती का महकमा है। इस में सड़कों, नहरों और सरकारी मकानों का काम किया जाता है। (७) महकमा तालीम (शिक्षा) और लोकल सेल्फ गवर्नमेण्ट ( स्थानीय स्वराज्य)। इसका सम्बन्ध शिक्षा स्कूल कालेज डिस्ट्रिक और म्युनिसिपल बोडों के साथ है। (८) महकमा कानून बनाने का ( लेजिस्लेटिव डिपार्टमेण्ट )। यह महकमा वह सारे कानून बनाता है जिन पर पीछे से लेजिस्लेटिव ( कानून बनानेवालो) कौंसिल बिचार करती है। ६-छोटी इकज़िक्युटिव कौंसिल के सिवाय जैसा हम ऊपर लिख चुके है सारे काम करती है दूसरी बड़ी कौंसिल कानन बनानेवालों की है। इकज़िक्युटिव कौंसिल के सब मेम्बर उसके