पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/२०१

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भारत का शासन और प्रबन्ध — -बड़े बड़े सूबे ये हैं (१) बंगाल (२) मद्रास (३) बम्बई (४) संयुक्त प्रान्त (4) बिहार और उड़ीसा (६ पंजाब (७) मध्यप्रदेश (८) ब्रह्मा (६) आसाम (१०) पश्चिमोत्तर सीमा का सूबा। छोटे छोटे सूबे यह हैं ; (११) दिल्ली (१२) अजमेर और मेरवाड़ा (१३) ब्रिटिश बिलोचिस्तान (१४) कुड़ग (१५) अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह । ३-इन सूबों में हर एक को अलग अलग गवर्नमेण्ट है पर वह सब गवर्नमेण्ट आफ़ इण्डिया के आधीन हैं। हर एक सूबे में एक ही तरह को हुकूमत है, एक ही कानून और अफसर भो एक ही तरह के हैं। अफसरों के दरजे भी एक से है और हर एक सूबा सारे महकमों को रिपोर्ट नियमानुसार भारत गवर्नमेण्ट के पास भेजता है ४-मदरास, बङ्गाल और बम्बई सब से पुराने अंगरेज़ो सूबे हैं। इनमें से हर एक का हाकिम गवर्नर कहलाता है और इङ्गलिस्तान से नियुक्त होकर आता है। हर एक गवर्नर के यहां एक लेजिसलेटिव कौंसिल और एक एकज़िक्र टिव कौंसिल भी है। छोटो प्रबन्धकारिणी कौंसिल के तीन मेम्बर होते हैं जिनमें से एक अवश्य ही भारतबासी होता है, चाहे हिन्दू हो चाहे मुसलमान । बड़ो कौंसिल के कानून बनानेवाले पचास मेम्बर होते हैं जिन में गैर सरकारी मेम्बर अधिक होते हैं। ५-चार सूबों में (१) संयुक्त प्रान्त (२) पंजाब (३) बिहार और उड़ीसा और (४ ब्रह्मा में सब से बड़ा हाकिम लेफटेण्ट गवरनर हैं जिन्हें बाइसराय भारत के सिविल सरविस के अफसरों में से चुनते हैं। वह पांच बरस तक हुकूमत करते हैं। उनमें से कुछ के यहां छोटी सी प्रवन्धकारिणी कौंसिलें भी। कानून बनानेवाली बड़ी कौंसिलें सब के यहां हैं।