पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/२०२

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- १६२ भारतवर्ष का इतिहास ६और सूवे जिनका क्षेत्रफल कम है चीफ़ कमिश्नरों के शासन में हैं। उनके यहां कोई कौंसिल नहीं होती। वह बिलकुल गवर्नर जनरल के आधीन है। ७-हर सूबा जिलों में बंटा हुआ है। ब्रिटिश इण्डिया में कुल २६७ जिले हैं। हर एक ज़िला अपने आप पूरा होता है और जैसा एक जिले का प्रबन्ध है वैसा हो सव का है। एक हो तरह के ओहदेदार हैं, ओर एक हो कानून माना जाता है। कुछ जिले तो बहुत बड़े हैं पर ऐले बहुत हैं जिनकी आवादी कम है। छोटे छोटे जिले भी हैं जिनकी आवादी बहुत है। जिले की आबादी दस से पन्दरह लाख तक होती है। ८.-पंजाब ओर अवध और मध्यप्रदेश और और छोटे सूबों में जिले के बड़े हाकिम को डिप्टी कमिशनर कहते हैं। और बड़े बड़े सूबों में यह कलकर कहलाता है इसके आधीन अफसरों अमला होता है। एक असिस्टेण्ट कमिशनर या डिपटी कलेकर, एक अफसर पुलिस, एक इंजिनियर, एक सिविल सरजन, एक अफसर जंगलात, एक सुपरिनटेनडेण्ट जेल इत्यादि। कोई कोई अफ़सर तीन तोन चार चार जिलों में दौरा करते हैं जिन्हें हल्का या किस्मत कहते हैं जैसे इन्सपेकर मदारिस। यह अफ़सर ऊंगरेज़ ओर हिन्दुस्थानी दोनों हो सकते हैं। हिन्दुस्थानी कलकर, डाकर और सिविल सरजन इत्यादि भी हैं। 8-कुल सूबों में तीन तीन चार चार ज़िले मिलकर एक कमिश्नर के आधीन कर दिये जाते हैं। ब्रिटिश इण्डिया में ऐसे पचास कमिश्नर हैं वह जिलों के अफसरों के काम की निगरानी करते हैं। १०-बंगाल और ब्रह्मा के सिवाय हर एक सूबे ताल्लुके और तहसीलें हैं, जो एक एक असर के अधिकार में हैं जिस का 1