पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/३२

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२२ भारतवर्ष का इतिहास इङ्गलैण्ड से हिन्दुस्थान आते आते साल भर लग जाता था। लिये क्लाइव यहां पहुंचा तब लड़ाई बन्द हो चुकी थी २-क्लाइव इलाहाबाद गया । शाह आलम और शुजाउद्दौला दोनों अंगरेजों के कैम्प में उपस्थित थे और सारी बातें मानने को तैयार थे। उस समय जो सन्धि हुई वह इलाहाबाद को सन्धि कहलाती है। इस सन्धि के अनुसार लार्ड ने शुजाउद्दौला शाह आलम क्लाइव को दीवानी देत हैं को उसका देश लौटा दिया और शुजाउद्दौला से पिछली लड़ाई का पूरा खर्चा मांगा। शाह आलम को गंगा यमुना के बीच का दोआबा दिया गया। बिहार और बंगाल, जो मोरकासिम के शासन में थे, कम्पनी के हाथ रहे पर इसके बदले शाह आलम को शाहनशाह होने के कारण पचीस लाख रुपया सालाना देना स्वीकार किया गया। शाह आलम ने कम्पनी को बिहार, बंगाल और उड़ीसा को दोवानी अर्थात् कर लेने का अधिकार दिया।