पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/४०

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३० भारतवर्ष का इतिहास क्या इससे शाह आलम को आंखें मिल गई? इसके बीस बरस पीछे १८०३ ई० में अंगरेजों ने दिल्ली ले लो और देखा कि आंखों अन्धा बुढ़ापे का मारा बेचारा शाह आलम मरहठों का कैदी है। उन्होंने उसे छुड़ाया और एक अच्छो पेन्शन बांध कर फिर उसे बादशाहो महल में रहने की आज्ञा दे दी। ५६-हैदर अली मैसूर को पहिलो लड़ाई (सन् १७६७ ई० से सन् १७६६ ई० तक ) १. जिन दिनों महम्मद अली करनाटिक का नवाब हुआ उन्हीं दिनों एक मुसलमान सिपाही जिसका नाम हैदर अली था और जिसका जन्म १७०२ ई० में हुआ था प्रसिद्ध होने लगा। यह लिख पढ़ नहीं सकता था; परन्तु बोर था, चतुर था, और लूट मार किया करता था। २ -थोड़े ही दिनों में उसके साथ एक भीड़ लग गई। यह उनको कोई तनखाह न देता था। इसके बदले लूट का धन बांट देता था। गांववालों की गाय, भैसें, बैल, बकरी, अनाजपत्ता, जो कुछ हाथ लगा सब लूट कर ले हैदर अली जाता था। जो सिपाहो कुछ लूट का धन ले आता या उसका आधा अपने नायक हैदर अली को देता था और आधा आप ले लेता था।