पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/५५

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लार्ड कार्नवालिस ६२-लार्ड कार्नवालिस. दूसरा गवर्नर जनरल (सन् १७८६ ई. से १७६३ ई० तक ) १-दूसरा गवर्नर जनरल लाडे कानवालिस एक धनी अंगरेज़ था। पहिले कभी हिन्दुस्थान में न रहा था। इसको जल्द ही मैसूर के साथ लड़ाई का प्रबन्ध करना पड़ा। २-अब टीपू सुलतान को राज्य करते आठ बरस हो गये थे । इस समय में उसने मलयवार, कुड़ग ओर मैसूर के आस पास के कुछ और देश जीत लिय थे। वह विजय के मद में मत्त था और समझता था कि हिन्द में मेरे बरावर कोई बादशाह नहीं है। औरंगजेब को तरह उसने भो जीते हुए देश के रहनेवालों को मुसलमान करने का उद्योग किया और जिन लोगों ने मुसलमान लाई कार्नवालिस होना स्वीकार न किया उनका बध किया। टीपू अंगरेजों से जलता था और खुल्लम खुल्ला कहा करता था कि एक न एक दिन इनको इस देश से निकाल कर छोडूंगा। ३-अन्त को उसने ट्रैचानकोर पर चढ़ाई की। ट्रैवानकोर का राजा अंगरेज़ों का मित्र था। उसने कहला भेजा कि मुझे टीपू से बचाओ, गवर्नर जनरल ने सहायता करने को प्रतिज्ञा की और निज़ाम और मरहठों से पूछा कि तुम इस सब के बैरी से लड़ने में.