पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/६०

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भारतवर्ष का इतिहास बोर था और अपने सर्वोच्च बोर कर्मों के कारण पहिले सर आर्थर वेलेजलो हो गया ; पोछे ड्यूक ऑफ़ वेलिङ्गटन का पद पाकर अन्त में इङ्गलैंड का प्रधान मंत्री बनाया गया। २-एक कुल के सारे बच्चे कुलपति अर्थात् अपने बाप की आज्ञा मानते हैं और बाप उनसे अच्छे काम कराता है। वचा कोई बुरी बात करता है तो बाप उसे दण्ड देता है। याप बच्चों की रक्षा करता है, दुख दर्द से बचाता है और यह बातें बताता है जिनका करना उचित है या जिनको न करना चाहिये और जिनसे बचना चाहिये। .३-अच्छे राज्य में प्रजा अपने राजा की आशा ऐसे हो मानती है जैसे बच्चे अपने बाप की । राजा या वादशाह अपनी प्रजा को दुख से बचाता है, अपराधियों को दण्ड देता है, निर्बलों को रक्षा करता है जिससे उस को प्रजा सुख चैन से रहती है। ४-इसी प्रकार भारत ऐसे बड़े देश में सब जगह शांति रखने और प्रजा को रक्षा के निमित्तं यह परमावश्यक है कि एक शक्तिमान न्यायपरायण और सुजन हाकिम या बादशाह हो। शक्तिमान उसे इसलिये होना चाहिये कि सामंतों और हाकिमों से अपनी आशा पूरी कराये, चोरों और लुटेरों को दबाने की योग्यता उस में हो जिससे सब जगह शांति रहे। उसके पास समुचित धन होना चाहिये जिससे अकाल पड़ने पर कंगालों और दीन दुखियों को सहायता कर सके। बुद्धिमान और सुजन होगा तो प्रजा के लिये अच्छे और न्याय के कानून बनायेगा और सब को उस कानून के अनुसार चलने को बाध्य करेगा। ५- वेलेजलो के समय तक अंगरेजों के मन में यह समाया ही म था कि अकवर को भांति सारे भारतवर्ष पर राज करें। अगरेजों ने भारत के बहुत से भाग ले लिये पर उनको दशा यह थी कि