पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/६५

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मार्किस वेलेज़लो कड़ापा के ज़िले कहलाते हैं समर्पित देश के नाम से अंगरेज़ी राज्य में आ गये। २–तंजौर का देश जिसके बीच में हो कर कावेरी नदी बहतो है, इतना उपजाऊ है कि उसे दक्खिन का वाग कहते हैं। उसको शिवाजी के भाई ने जीत लिया था और डेढ़ सौ बरस तक मरहठे इसका शासन करते रहे। यहां का अन्तिम मरहठा राजा बड़ा अत्याचारी था। उसने इतना कर लगाया कि प्रजा के पास बड़ी कठिनाई से खाने को बचता था। हजारों आदमी उससे बचने मालिस वेलेजली के लिये तंजौर छोड़ कर चले गये। कुछ दिन पोछे राजा भी निःसन्तान मर गया। उसके कुल के दो कंवर गहो के दावादार लार्ड वेलेजली ने इस विचार से कि इन दोनों में लड़ाई दंगा न हो और देश का प्रबन्ध भी संभल जाय तंजौर के इलाके को अंगरेज़ो राज्य में मिला लिया और दोनों के लिये बड़ो बड़ी पेनशने कर दो। ३-महम्मद अली जिसको क्लाइव ने सन् १७५६ ई० में उसके बैरियों से बचाया था सन् १७५६ ई० से लेकर १७६५ ई० तक कारनाटिक का नवाब रहा। उसका प्रवन्ध कभी अच्छा न था। हैदर अलो और टीपू के साथ जो लड़ाई हुई उसका भी अभिप्राय यह था कि कारनााटक देश को रक्षा हो। फिर भो महम्मद अली ने अंगरेजों की सहायता न की। जहां तक हुआ उसके अफसर उलटे बैरी की मदद करते रहे। उसने अपने सिपाहियों को निकले।