पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/७२

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६२ भारतवर्ष का इतिहास बड़ी दिक्कत हुई। इसी समय होलकर ने दिल्ली पर धावा किया। दिल्लो तो न ले सका पर आस पास के देश को लूटने लगा। सिन्धिया भी एक बड़ी सेना लेकर होलकर के साथ मिल गया। ११-अब जनरल लेक भो एक बड़ी सेना लेकर आगरे को सन् १८०४ ई० में डोग की लड़ाई में लेक ने होलकर के दलबादल को राई काई करके भगा दिया, और डोग का मज़बूत किला लेकर भरतपुर के किले को घेर लिया। भरतपुरवाला होलकर का सहायक था। कुछ देर तक तो उसने बहादुरी के साथ भरतपुर की रक्षा की। पर जब उसने देखा कि अब किला जोत हो लिया जायगा तो राह पर आया और अंगरेजों के साथ उसने सन्धि कर लो। होलकर सब जगह से मार खाता भागा और अपने देश में चला गया। १२-जनरल लेक लड़ाई बन्द कर देता और होलकर को ज़बरदस्ती लाई वेलेज़लो को शर्तों पर राजी करता पर लाई धेलेजली को गवर्नर जनरलो समाप्त हो गई। वह विलायत चला गया ओर उसको जगह जो दूसरा गवर्नर जनरल आया उसने जनरल लेक को अपना विचार पूरा करने की आज्ञा नहीं दी । + ६७-लार्ड कार्नवालिस, पांचवां गवर्नर जनरल, सर जान बारलो, लार्ड मिण्टो, छठा गवर्नर जनरल १-ईस्ट इण्डिया कम्पनो को अभी तक बिना किसी दूसरे के सांझ के भारत में व्यापार करने का अधिकार था। उसने देखा कि व्यापार का कुल लाम टोपू और- मरहठों के साथ लड़ाइयों में खर्च