पृष्ठ:भारतीय प्राचीन लिपिमाला.djvu/२८३

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Plate LIII. लिपिपत्र ५३वां. पल्लव और पाण्यवंशी राजाभों के समय के लेख और दानपत्रों से. (१.म. की वीं मनाम्दी). मावलीपुर के प्रतिरणचंडेश्वर नामक गुफामंदिर के लेख मे (ई. म. को ८वीं शताब्दी). . ण ध व जा भा घ शा था top $ 2020 op soos ₹ उ कशाकूड़ि से मिले हुए पचव गजा मंदिवर्मा के दानपत्र मे (ई. म. की वी शताब्दी). ट माल र १ 2016 S८ m ए ए ग घ छ 6 च म प फ ब भ म य र व T घ है C CI +J 2Ś ed 1 ७ र न म का या रि धू भू क दू प के तो को 5 & aur pon 4838yo 3 मी त्था oss i de Bed & B ang Coor है। (20% 1997 पागवंशी राजा परामक के समय के नारभि गं के लेख में । कलियुग मं. ३८० ई. म. ०००). ए क म प म म वा मा गृ ग्र पद्य पा. 8 poza 5 29 08 07237 on g zm. sypy zwrap around 9 9 Bewiejaus- lhn Rauth 2 hrs in Reu hearteg- gorras Purey songzogen augiggyes-