पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/१०२१

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h. मदालसोपाख्यान (मार्कंडेय पुराण से संगृहीत) जिसे बाबू हरिश्चंद्र ने अपनी पत्रिका बालाबोधिनी से लेकर युवराज श्रीयुत प्रिंस आवे वेल्स बहादुर शुभागमन के आनंद के अवसर में बालिकाओं को वितरण के अर्थ अलग छपवाया जिस लड़की को यह पुस्तक दी जाय उससे अध्यापक लोग ५ बेर कहला ले "राजपुत्र चिरंजीव" । Benares Light Press बनारस लाइट छापाखाना में मुद्रित हुआ। रचना काल सन् १८७४। यह उपाख्यान पहले बालाबोधिनी में प्रकाशित हुआ था। सन् १८७५ में यह अलग पुस्तकाकार महिलाओं के लिए छापकर निःशुल्क बांटा गया। सं. OOK मदालसोपाख्यान ९७७