पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/१०५०

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W 40 छठा बाब जुर्म खिलाफ अदव अदालत दफ: (१६) लफ्ज़ अदाशत से मुराद यहाँ सिर्फ शादी की हुई जोरू समझना चाहिए । दफ : (१७) जो शौहर अपनी जोरू से लड़ना चाहे या लड़े या गैर शख्स जो उससे लड़ता हो उसकी इमदाद करे तो उस को किसी किस्म की कैद की सजा दी जायगी लेकिन अगर अदालत की राय में यह जुर्म संगीन मालूम हो तो हब्सदवाम घअपूर दरयायशोर की सजा देने का भी अदालत को अखतियार है। दफ :(१८) जो शख्स अपने किसी बुजुर्ग या रिश्त :दार या दोस्त या लड़कों को अपने तरफ करके जोरू पर हावी होने का इराद : करे उस की कैद की सजा या अलग सोने की सजा या सिर्फ गाली वगैरह दी जायगी । दफ : (१९) जो शख्स सिवा अपनी औरत के और किसीऔरत पर इश्क जाहिर करेगा. तो वह अदालत का दुश्मन समझा जायगा। खुलास: अपनी जोरू के सिवा किसी औरत पर मेहरबानी की नज़र करना ही जुर्म है, चाहे वह किसी सवव से क्यों न हों। तमसीलात सुगरा जैद की जोरू है और कुवरा जैद की परोसिन है मगर कुबरा गरीय है इस वास्ते जैद कभी-२ कुबरा की कुछ मदद करता है पस जैद मुजरिम जुर्म मुन्दरज दफ: हाचा का हुआ । अलिफ - अदालत को अखतियार हासिल है कि बगैर कसूर किये हुए भी शौहर को इस जुर्म का मुजरिम करार दे, मुजरिम का यह सबूत देना कि वह मुर्तकिया इस जुर्म का नहीं हुआ काबिल समाअत न होगा। वे - अदालत के खोफ से झूठ मूठ भी एक मर्तब : जुर्म का इकरार कर लेना किसी शोहर को मुजरिम बनाने के वास्ते काफी होगा। जीम – बगैर जुर्म के इस कसूर में मुजरिम बनानेवाली अदालत यानी औरत सिनरसोद : या बदसूरत होनी चाहिये या जिसका शोहर सिनरसीद : या मकरूतसूरत हो उस औरत को भी इस किस्म का जुर्म कायमई करने का अवतियार हासिल है। दाल - अगर नौजवान या खूबसूरत औरत अखतियारात मुन्द बाला हासिल करना चाहे तो उस को अपनी बदमिजाजी कबूल करनी पड़ेगी। दक :(२०) इस कानून में जितनी किस्म की सजायें लिखी हैं यह सब या उन में से चंद दफ : १९ के मुजरिम को दी जा सकती हैं। सातवाँ बाव जुम चिलाफ फोड सर्कारी दफ: (२१) घर के लड़के वरी२१ फोन और मजदूरनियाँ बहरीर फौज समझी जायगी । दफ: (२२) जो शख्स अपने किसी लड़की । अपने किसी लड़के को उन के माँ के बरखिलाफ बोलने या मजदूरनियों को बगैर हुक्म बीबी के काम करने को कहेगा तो वह फोब के बरखिलाफ बलव : करने का मुजरिम करार दिया जायगा । बफ :(२३) जो मुजरिम जुम- मुन्दवें दफ:२२ का होगा उस को गाली बकने झिड़की देने या रोने की सजा दी जायगी। १. भारी २. प्रभाव डालने ३. आसक्ति ४. पूर्वोक्त ५. करनेवाला इ. सूनने के योग्य । ७. प्रौद्धा या युद्धा ८. घृणित रूपाली ९. स्थापित १०. कर्कशापन ११. स्थल की १२. समुद्री १३. विरुद्ध । भारतेन्दु समग्न २००६