पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/१११३

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दैदै प्यालो प्रान इक भरिकै गद छलकाय । क्यों इतनो संकोच तू करत सुमोहि बताच ।। मृगनैना गजगामिनी चन्द्राननि सुकुवारि । दै प्यालो भरि भरि पियहिं रो मिठ वोलिन नारि ।। कहा मौन धरि कै रही अरी बोल तू बोल । क्यों तरसावति हाय मोहि प्यारी महा ठठोल ।। ज्यों बालक के खेल में मरन चिरी को होय । त्योंही या तेरी हंसी प्रान जात हैं रोय ।। देखत तू क्यों नहिं इतै आई सुखद बसन्त । पथिक वधू विरही जनहि जो नित परम दुरन्त ।। कोकिल कल कुहकत तरुन भंवर करत गुञ्जार । फूले फूल अनेक विधि अमवा बोरे डार ।। बौरे जब जड़ आम तरू या मधु रितु के माहिं । तब तू मद दै कै हमें क्यों बौरावत नाहिं ।। मधु रितु याको नाम है माधव को है मास । हमको क्यों मधु देत नहिं करिकै दया प्रकास ।। देखि देखि हरि करि कृपा प्रिंसहि कियो अराम । धन्यवाद सब करत है मंगल धामहि धाम ।। हम कोहूँ आनंद मैं प्यालो भरि दे एक । भले बुरे मैं नहि रहै जासों कछू विवेक ।। मद्यपान करि मत्त हवै हमहूं देहिं असीस । हे मेरे युवराज तुम जीओ कोटि बरीस ।। चित सब मे चिन्ता रहित जुरे अनंद समाज । रक लही निधि तिमि प्रजहि बढ़यो सकल सुख साज ।। जीओ जुग जुग निरुष हवै राजकुंवर सुखकन्द । बढ़ो राज करि नासि अरि जननी सह सानन्द ।। दिल्लगी की बातें का०प० का०प० किसी अमीर ने ज़रा सी शिकायत के लिये हकीम को बुलाया । हकीम ने आकर नब्ज देखी और पूछा - "आपको भूख अच्छी तरह लगी है" - अमीर ने कहा "हां" । हकीम ने फिर सवाल किया "आपको नींद भरपूर आती है" - अमीर ने जवाब दिया "हा" । हकीम बोला "तो मैं कोई दवा ऐसी तजबीज़ करता हूं जिससे यह सब बाते जाते रहें" ।। अमेरिक के एक जज ने किसी गवाह की हाजिरी और हलफ लेने के लिये हुक्म दिया । वकीलों ने इत्तिला दी कि वह शखूस बहरा और गूगा है । जज ने कहा मुझे इससे कुछ ग़रज़ नहीं कि वह बोल सकता है या नहीं । यूनाइटेड स्ट्रेस का कानून यह मेरे सामने मौजूद है । इसके मोताबिक हर आदमी को अदालत में बोल सकने का हक हासिल है और जब तक कि मैं इस अदालत में हूं हर्गिज कानून के बखिलाफ तामील होने की इजाज़त न दूंगा जिसमें किसी की हकतलफी हो । जो कानून का मनशा है उस पर उसको जरूर अमल करना पड़ेगा" ।। कहते हैं कि मिल्टन की बीबी निहायत बद्मिजाज थी मगर खूबसूरत भी हद से जियादा थी । लार्ड, बकिंगहेम ने एक रोज़ मिल्टन के सामने उसकी नजाकत को तारीफ करके गुलाब के फूल के साथ उसकी तशबीहे (उपमा) दी । मिल्टन ने कहा कि गोकि में अंधा हूं और नज़ाकत को नहीं देख सकता तो भी आप के बात की सचाई पर गवाही देता हूं । हकीकत में वह गुलाब का फूल है क्योंकि कांटे अक्सर मेरे भी लगते रहते हैं । नै० मू एक डाक्टर साहिब कहीं बयान कर रहे थे कि दिल और जिगर की बामारियां औरतों से मर्दो को जियादा होती हैं । एक जवान खूबसूरत औरत बोल उठी "तभी मर्दुए औरों को दिल देते फिरते हैं" ।। नै० म० एक शख्स ने किसी से कहा कि अगर मैं झूठ बोलता हूं तो मेरा झूठ कोई पकड़ क्यों नहीं लेता उसने जवाब दिया कि आप के मुंह से झूठ इस कदर जल्द निकलता है कि कोई उसे पकड़ नहीं सकता । नै० म० एक बेवकूफ इस खयाल से अपने सामने आईना रख कर सो रहा कि देखू सोते वक्त मेरी सूरत कैसी मालूम होती है। नै० म० एक शख्स वकालत के इमतिहान के लिये तैयारी कर रहे थे इसलिये उन्हों ने एक उस्ताद से मन्तिक पढ़ना शुरू किया और पांच सौ रुपया उस्ताद को देने का करार किया जिसमें से आधे रुपये पेशगी दे दिये और बाकी को निसबत यह शर्त की कि वकालत की सनद पाकर जिस वक्त औवल मुकदमा जीतूंगा उस वक्त अदा करूगा । इस शर्त पर मन्तिका पढ़कर हज़रत वकालत के इतिहान में कामयाब हो गये मगर मुद्दत तक न तो अदालत को गये और न उस्तात के सामने आये । जब उस्दाद ने देखा कि इन हज़रत की नीयत बाकी रुपया देने की नहीं है तो नालिश कर दी । जब अदालत में इज़हार देने के वक्त मुकाबला हुआ तो उस्ताद बोले कि बच्चा रुपया तो तुममें मैं हर सूरत में ले लूंगा अगर मैं जीता तो अदालत दिलवा देगी - और अगर तुम जीते तो परिहासिनी २०६९